Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Mar 2025 06:09:13 PM IST
हिन्दू संगठन की मांग - फ़ोटो GOOGLE
UP: महाकुंभ के बाद अब वृंदावन में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने की मांग उठ रही है। मुस्लिम समाज के लोगों को यहां दुकान ना लगाने और वृंदावन की होली समारोह में शामिल नहीं होने की मांग की गयी है। हिन्दूवादी संगठन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है और यह मांग की है। हिन्दूवादी संगठन ने कहा कि ब्रज क्षेत्र में होली पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए।
हिंदूवादी नेताओं ने वृंदावन में दुकान लगाने को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों के सामने एक शर्त रखी है। धर्मरक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा है कि पिछले दिनों बरेली में मुस्लिम समाज के लोग हमारे लोगों को धमकियां दे नजर आए थे। जिसे देखते हुए धर्मरक्षा संघ ने यह फैसला लिया कि ब्रज क्षेत्र में मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, बरसाना, गोकुल, दाऊजी सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर आयोजित होने वाले होली समारोह में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगवाएंगे। इसे लेकर धर्मरक्षा संघ ने सीएम योगी को पत्र लिखकर उनके समक्ष अपनी मांगे रखी है।
वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में होली का उत्सव एक सांस्कृतिक परंपरा है, जिसमें सदियों से सभी समुदायों की भागीदारी रही है। संविधान और कानून के अनुसार, किसी भी नागरिक को किसी सार्वजनिक स्थल या व्यापारिक गतिविधि से सिर्फ उनके धर्म के आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। यदि प्रशासन इस तरह की मांग को स्वीकार करता है, तो यह मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के दायरे में आ सकता है। ऐसी मांगें सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती हैं और धार्मिक आयोजनों को विवादों में डाल सकती हैं। प्रशासन को इस मामले पर संतुलित और संवैधानिक तरीके से निर्णय लेना चाहिए, ताकि समाज में कोई अनावश्यक तनाव न पैदा हो।