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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 01 Apr 2025 09:08:03 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Doctor-Population Ratio: वर्तमान में देश में 13,86,150 पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर और 7,51,768 आयुष चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टर उपलब्ध हैं। कुल मिलाकर, एलोपैथिक और आयुष दोनों के 80% पंजीकृत डॉक्टर कार्यरत हैं, जिससे डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 होने का अनुमान है। सरकार ने स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
मेडिकल कॉलेजों का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती
वर्तमान में 1.18 लाख से अधिक एमबीबीएस सीटें और 74,000 से अधिक स्नातकोत्तर (PG) सीटें उपलब्ध हैं। सरकार ने 157 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए योजनाएं बनाई हैं, जिनमें से 131 कॉलेज पहले से संचालित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों को उन्नत बनाने के लिए 75 सुपर स्पेशियलिटी प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 71 पहले ही पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा, 22 नए एम्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 19 एम्स में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो चुके हैं।
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के प्रयास
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में परिवार दत्तक ग्रहण कार्यक्रम (FAP) लागू किया गया है। इस योजना के तहत मेडिकल कॉलेज गांवों को गोद लेते हैं और एमबीबीएस छात्र वहां परिवारों को अपनाते हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम के तहत मेडिकल कॉलेजों के PG छात्रों को जिला अस्पतालों में कार्य करने का अवसर दिया जा रहा है। सरकार ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सिजेरियन सेक्शन जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों और एनेस्थेटिस्ट को मानदेय प्रदान करने की योजना बनाई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत डॉक्टरों को विशेष कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे विविध चिकित्सा सेवाओं में दक्षता हासिल कर सकें। राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में और सुधार की संभावनाएं हैं।