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Election Commission on SIR: चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज, SIR विवाद पर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार?

Election Commission on SIR: आयोग ने प्रक्रिया को पारदर्शी बताया और मतदाताओं से भ्रमित न होने की अपील की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची सुधार की मांग राजनीतिक दलों द्वारा पहले ही की गई थी, अब उस पर कार्रवाई हो रही है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 17 Aug 2025 04:03:41 PM IST

Election Commission on SIR

- फ़ोटो google

Election Commission on SIR: बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर चुनाव आयोग ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने साफ किया कि मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और संवैधानिक है, और इसे लेकर भ्रम फैलाना गलत है।


मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि हम मतदाताओं से अपील करते हैं कि भारत के संविधान के अनुसार जो भी नागरिक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, वह अवश्य मतदान करे। आयोग किसी भी राजनीतिक दल के साथ पक्षपात नहीं करता, क्योंकि हर दल का पंजीकरण आयोग के माध्यम से ही होता है।


उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों से सभी प्रमुख राजनीतिक दल मतदाता सूचियों में त्रुटियों को सुधारने की मांग करते रहे हैं। इसी मांग के आधार पर बिहार में एसआईआर की शुरुआत की गई है। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अगर कोई मतदाता सूची में गलती की शिकायत समय रहते नहीं करता, या चुनाव के 45 दिनों के भीतर उम्मीदवार के खिलाफ याचिका दाखिल नहीं करता, और फिर ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता है, तो यह लोकतंत्र और संविधान का अपमान है।


चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईआर प्रक्रिया में शिकायत या सुधार के लिए अभी भी 15 दिन का समय बचा है। ऐसे में भ्रामक जानकारी फैलाना अनुचित है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने चिंता जताई कि कुछ राजनीतिक दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर को लेकर ग़लत जानकारी फैलाकर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शिता के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं, और आयोग के दरवाजे सभी नागरिकों के लिए खुले हैं।