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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Mar 2025 09:14:29 PM IST
चुनाव आयोग का अहम फैसला - फ़ोटो GOOGLE
Aadhar Voter Id Linking: चुनाव आयोग ने फर्जी वोटरों की पहचान के लिए बड़ा फैसला लिया है। पैन की तरह अब वोटर कार्ड को भी आधार से लिंक किया जाएगा। यह अहम फैसला 18 मार्च को दिल्ली में ली गयी। जहां केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई एक अहम बैठक इस पर चर्चा हुई जिसमें वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का अहम फैसला लिया गया।
चुनाव आयोग ने फर्जी वोटरों की पहचान के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब पैन कार्ड की तरह वोटर कार्ड को भी आधार से लिंक किया जाएगा। यह निर्णय 18 मार्च को दिल्ली में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और चुनाव आयोग के अधिकारियों ने भाग लिया।
अब वोटर आईडी (EPIC) और आधार को जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है। निर्वाचन आयोग ने इस कदम को संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत मंजूरी दी है। इससे पहले सरकार ने पैन कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला लिया था।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत लागू करने की बात कही। चुनाव आयोग का मानना है कि आधार को वोटर आईडी से जोड़ने से वोटर लिस्ट को साफ और सटीक बनाया जा सकेगा, जिससे फर्जी वोटरों की पहचान आसान होगी और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने कहा कि अगले तीन महीने में डुप्लिकेट वोटर आईडी कार्डों को नए EPIC नंबर से बदला जाएगा, हालांकि यह माना गया है कि डुप्लिकेट नंबर का मतलब फर्जी वोटर नहीं होता। आधार को वोटर आईडी से जोड़ने का मुख्य उद्धेश्य चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और फर्जी वोटिंग को रोकना है। इससे एक व्यक्ति द्वारा कई स्थानों पर वोट डालने की संभावना समाप्त हो जाएगी।