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Fake Doctor Arrested: 9 साल से फरार चल रही फर्जी महिला डॉक्टर को क्राइम ब्रांच ने दबोचा, सिर पर थे गंभीर आरोप

Fake Doctor Arrested: इस फर्जी महिला डॉक्टर को काफी मशक्कत के बाद क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया है, बताया जाता है की वह 9 साल से फरार थी, बिहार से बनवाई थी जाली BAMS डिग्री, गलत सर्जरी से गई थी गर्भवती महिला की जान.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 10 Apr 2025 08:23:33 AM IST

Fake Doctor Arrested

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Meta

Fake Doctor Arrested: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक सनसनीखेज मामले में 9 साल से फरार चल रही फर्जी महिला डॉक्टर को आखिरकार धर दबोचा। 48 साल की यह महिला संगम विहार की रहने वाली है और ग्रेटर कैलाश-2 में एक बुजुर्ग की देखभाल के काम में लगी थी जब पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। इस महिला ने बिहार से फर्जी BAMS यानि बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री हासिल की थी और साल 2008 से दिल्ली के विकास नगर, रनहोला में क्लिनिक चला रही थी। 


पुलिस के मुताबिक, यह महिला सिर्फ 12वीं कक्षा तक पढ़ी थी। उसने 2005-06 में उत्तम नगर में एक डॉक्टर के साथ सहायक के तौर पर काम किया और वहाँ से इलाज की बुनियादी जानकारी हासिल की। इसके बाद उसने बिहार से जाली BAMS डिग्री बनवाई और 2008 में अपना क्लिनिक खोल लिया। खास तौर पर वह स्त्री रोग से जुड़े मरीजों का इलाज करती थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 2009 में एक घटना ने उसके फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया।


सितंबर 2009 में एक शख्स अपनी गर्भवती पत्नी को पेट दर्द की शिकायत लेकर इस महिला के क्लिनिक में लाया। पहले उसने दवाइयाँ दीं और मरीज को घर भेज दिया। लेकिन हालत बिगड़ने पर अगले दिन उसे फिर से भर्ती करना पड़ा। महिला ने सर्जरी की सलाह दी और खुद ऑपरेशन कर डाला। सर्जरी के कुछ दिन बाद मरीज की हालत और खराब हो गई। उसे डीडीयू अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जाँच में पता चला कि महिला के पास कोई वैध मेडिकल डिग्री नहीं थी और उसने फर्जी डिग्री के सहारे यह सब किया।


पुलिस ने 2011 में उसके खिलाफ IPC की धारा 304 और दिल्ली मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया। उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह कोर्ट में पेश नहीं हुई। 2016 में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। इसके बाद वह ठिकाने बदल-बदलकर पुलिस से बचती रही। कभी नौकरी करती, कभी गायब हो जाती।


क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल को हाल ही में सूचना मिली कि वह ग्रेटर कैलाश-2 में एक बुजुर्ग की देखभाल कर रही है। डीसीपी आदित्य गौतम के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। हेड कॉन्स्टेबल रमकेश की टिप पर कई जगहों पर नजर रखी गई और आखिरकार मंगलवार को उसे धर दबोचा गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने उत्तम नगर में सीखे हुए बेसिक इलाज के दम पर क्लिनिक चलाया और कई महिलाओं का इलाज किया। जाली डिग्री ही उसका सबसे बड़ा हथियार थी।


फिलहाल, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और आगे की जाँच जारी है। डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया, “यह महिला लंबे समय से अपनी पहचान छुपाकर रह रही थी। उसके कबूलनामे और जाँच से कई और खुलासे भी हो सकते हैं।”