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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Mar 2025 05:10:03 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Voter ID Card Aadhaar Link: चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि वोटर कार्ड को अब आधार के जरिए लिंक किया जाएगा। इस फैसले पर जल्द ही तकनीकी पहलुओं पर काम शुरू किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने यूआईडीएआई के सीईओ और केंद्रीय गृह सचिव के साथ बैठक की। इस बैठक में यह सहमति बनी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किए बिना वोटर कार्ड के ईपीआईसी नंबर को आधार से लिंक किया जाएगा।
संविधान और कानून के अनुसार आधार से लिंकिंग
चुनाव आयोग ने प्रेस रिलीज में कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है। आयोग ने बताया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा और यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप होगा।
कांग्रेस का विरोध और चिंताएं
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि इस प्रक्रिया में कोई भी मतदाता छूट न जाए। कांग्रेस ने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करना चाहिए।
भारत में मतदाता संख्या और आधार कार्ड डेटा
भारत में 2024 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 97 करोड़ 97 लाख मतदाता हैं, जबकि 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा 91 करोड़ 20 लाख था। यूआईडीएआई के अनुसार, सितंबर 2023 तक भारत में 138 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है।
आधार से वोटर कार्ड लिंक करने के तरीके
आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने के दो तरीके हैं। नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल के जरिए इस प्रक्रिया को स्वयं पूरा किया जा सकता है। इसमें नाम, ईमेल आईडी और आधार नंबर डालकर ओटीपी के माध्यम से सत्यापन करना होगा। अगर आधार मोबाइल नंबर से लिंक नहीं है, तो आधार की कॉपी अपलोड की जा सकती है।
चुनाव आयोग और यूआईडीएआई के सहयोग से डाटा लिंकिंग
चुनाव आयोग के पास फिलहाल 66 करोड़ लोगों का आधार डेटा है जिन्होंने स्वेच्छा से अपना डेटा दिया है, हालांकि इन्हें अभी लिंक नहीं किया गया है। आयोग इस डेटा को यूआईडीएआई के साथ मिलकर लिंक करेगा।
कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग के सुधार
कानून मंत्रालय फॉर्म 6बी में संशोधन करेगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि आधार विवरण स्वैच्छिक है या नहीं, और अगर नहीं तो कारण भी स्पष्ट किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव सुधारों पर फोकस किया है और उन्होंने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक सुझाव मांगे हैं।
फैसले पर क्या कहती है कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के इस कदम को स्वीकारते हुए बयान जारी किया। कांग्रेस ने कहा है कि, यह कदम राहुल गांधी के मतदाता सूचियों के बारे में लगाए गए आरोप की स्पष्ट स्वीकृति है। कांग्रेस का आरोप है कि महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच असामान्य बढ़ोत्तरी हुई थी और कई मतदाता सूची में एक व्यक्ति के नाम एक से अधिक बार दर्ज थे। बयान में यह भी कहा गया कि कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा उपायों के साथ रचनात्मक समाधान का स्वागत करती है ताकि किसी भी व्यक्ति को वोट देने के अधिकार से वंचित न किया जाए।