Santosh Verma IAS : ब्राह्मण बेटियों पर असभ्य बयान, आईएएस संतोष वर्मा की बर्खास्तगी की तैयारी; सरकार ने भेजा प्रस्ताव

ब्राह्मण बेटियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी और फर्जी दस्तावेज़ बनाकर पदोन्नति लेने के आरोप में आईएएस संतोष वर्मा पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है। उनकी बर्खास्तगी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा रहा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Dec 2025 08:11:02 AM IST

Santosh Verma IAS : ब्राह्मण बेटियों पर असभ्य बयान, आईएएस संतोष वर्मा की बर्खास्तगी की तैयारी; सरकार ने भेजा प्रस्ताव

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Santosh Verma IAS : ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर असभ्य और आपत्तिजनक बयान देने के बाद आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को निर्देश दिए हैं कि वर्मा को भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त करने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाए। सरकार इस मामले को अत्यधिक गंभीर मान रही है और इसे सेवा आचरण नियमों का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए कठोरतम प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।


मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्मा की पूरी सेवा पत्रावली, लंबित प्रकरण और उनके द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी के मामलों को आधार बनाकर प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है। विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार वर्मा पर राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति प्राप्त करने के लिए फर्जी और जाली आदेश तैयार कराने के गंभीर आरोप पहले से ही लंबित हैं। साथ ही विभिन्न न्यायालयों में भी उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इन सभी तथ्यों को शामिल करते हुए सरकार भारत सरकार के समक्ष सेवा समाप्ति का विस्तृत प्रस्ताव भेजेगी।


सरकार ने वर्मा को तत्काल प्रभाव से कृषि विभाग के उप सचिव पद से हटाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ कर एक-पक्षीय कार्यमुक्त कर दिया है। इस पदस्थापना में उनके पास वर्तमान में कोई कार्य दायित्व नहीं रहेगा। इसे सरकार ने एक प्रकार के दंडात्मक कदम के रूप में लागू किया है, ताकि वह किसी भी प्रशासनिक कार्य में हस्तक्षेप न कर सकें।


DPC ने भी जताई गंभीर आपत्तियाँ, पदोन्नति रोकने का निर्णय

इससे पहले गुरुवार को मंत्रालय में मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में संतोष वर्मा से जुड़े सभी पुराने और नए प्रकरणों की समीक्षा की गई। समिति ने निष्कर्ष निकाला कि उनके विरुद्ध आपराधिक और विभागीय जांच लंबित होने के चलते उन्हें अतिरिक्त सचिव पद पर पदोन्नति देना सेवा नियमों के अनुरूप नहीं है। इसलिए वर्मा की प्रस्तावित पदोन्नति को रोकने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।


फर्जी न्यायालय आदेश लगाकर पदोन्नति प्राप्त करने का आरोप

संतोष वर्मा का विवाद कोई नया नहीं है। उल्लेखनीय है कि वर्मा ने पूर्व में अपने खिलाफ चल रहे एक प्रकरण में न्यायालय का कथित तौर पर फर्जी आदेश लगाकर पदोन्नति प्राप्त कर ली थी। सामान्य प्रशासन विभाग में शिकायत पहुँचने के बाद जब पुलिस ने जांच की, तो न्यायाधीश के हस्ताक्षर जाली पाए गए। इस गंभीर मामले में वर्मा को जेल भी जाना पड़ा था और उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस घटनाक्रम ने उनके प्रशासनिक करियर पर गहरा प्रश्नचिह्न लगा दिया था। अब सरकार का मानना है कि फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी के आधार पर मिली आईएएस संवर्ग की पदोन्नति वैध नहीं हो सकती। इसलिए इस आधार पर भी सेवा से बर्खास्तगी का प्रस्ताव भेजा जा रहा है।


सदाचार प्रमाण पत्र में भी फर्जीवाड़े का आरोप

वर्मा के विरुद्ध एक और गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने प्रमोशन प्रक्रिया के लिए आवश्यक संनिष्ठा (इंटीग्रिटी) प्रमाण पत्र भी जाली दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किया था। इस आरोप की विभागीय जांच अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। विभाग के अनुसार, वर्मा द्वारा कारण-बताओ नोटिस का जो जवाब दिया गया, वह असंतोषजनक पाया गया। इसके बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है।


असभ्य बयान ने बढ़ाई सरकार की नाराज़गी

हाल ही में ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर वर्मा का दिया गया असभ्य, विवादित और मर्यादा-विहीन बयान सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बयान को ‘‘अत्यंत शर्मनाक और अस्वीकार्य’’ बताते हुए स्पष्ट किया कि ऐसी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


कड़ी कार्रवाई की दिशा में बढ़ा प्रशासन

एक के बाद एक विवादों में घिरते रहे संतोष वर्मा पर सरकार का शिकंजा अब कस चुका है। पदोन्नति रोक दी गई है। विभागीय जांच अंतिम चरण में है। कार्यमुक्त कर GAD में भेज दिया गया है और अब केंद्र सरकार को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सरकार का मानना है कि प्रशासनिक सेवा की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने के लिए ऐसी अनुशासनहीनता पर कठोर निर्णय आवश्यक है। यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है, तो संतोष वर्मा का आईएएस करियर औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा।