Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Jul 2025 08:52:29 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Illegal Immigrants: गुरुग्राम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान के लिए प्रशासन ने सख्ती और बढ़ा दी है। इसके तहत 18 जुलाई को गुरुग्राम में चार डिटेंशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। जिनमें बादशाहपुर, सेक्टर 10ए, सेक्टर 40 और मानेसर के सेक्टर-1 के सामुदायिक केंद्र शामिल हैं। इन सेंटरों में 50 से अधिक लोगों को रखा गया है, जिनके दस्तावेजों की जांच चल रही है। गुरुग्राम पुलिस का दावा है कि सत्यापन पूरा होने के बाद सभी को रिहा कर दिया जाएगा।
गुरुग्राम पुलिस ने 17 जुलाई को जिला प्रशासन को पत्र लिखकर इन डिटेंशन सेंटरों की स्थापना का अनुरोध किया था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के 2 मई के निर्देश का हवाला दिया गया। MHA ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की है। यदि दस्तावेज सत्यापित नहीं होते तो ऐसे व्यक्तियों को निर्वासन के लिए डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।
गुरुग्राम जिले को चार पुलिस जोन पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, और मानेसर में बांटा गया है और प्रत्येक जोन में एक डिटेंशन सेंटर बनाया गया है। प्रशासन ने नायब तहसीलदारों को इन सेंटरों का प्रभारी नियुक्त किया है:
बादशाहपुर: बादशाहपुर नायब तहसीलदार
सेक्टर 10ए: कादीपुर नायब तहसीलदार
सेक्टर 40: वजीराबाद नायब तहसीलदार
मानेसर: मानेसर नायब तहसीलदार
सफाई कर्मियों पर विशेष नजर
गुरुग्राम नगर निगम के सफाई ठेकेदारों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों, खासकर पश्चिम बंगाल और असम से आए बंगाली मूल के लोगों पर पुलिस की कड़ी नजर है। इनमें से कई को संदिग्ध मानकर हिरासत में लिया गया है। सेक्टर 10ए के एक डिटेंशन सेंटर में 74 लोग हिरासत में हैं, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम पुरुष हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये लोग गुरुग्राम के स्लम क्षेत्रों में रहते हैं और उनकी नागरिकता की जांच की जा रही है।
इस कार्रवाई पर मानवाधिकार संगठनों ने सवाल उठाए हैं। कई हिरासत में लिए गए लोग दावा करते हैं कि वे भारतीय नागरिक हैं और उनके पास आधार, पैन कार्ड और NRC से संबंधित दस्तावेज हैं। असम के गोलपारा जिले के मिनहाज अली ने कहा कि वह और 15 अन्य मजदूर अपनी पहचान साबित करने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे, लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी BJP शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
मानवाधिकार संगठन फोर्टिफाई राइट्स ने दावा किया कि भारत द्वारा रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार में जबरन वापस भेजना अंतरराष्ट्रीय गैर-निर्वासन सिद्धांत का उल्लंघन है, जो किसी को ऐसी जगह वापस भेजने से मना करता है जहां उनकी जान को खतरा हो।
यह कार्रवाई केंद्र सरकार की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा है, जो अप्रैल 2025 में शुरू हुई थी। इसके तहत गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, असम और राजस्थान जैसे राज्यों में 6,500 से अधिक संदिग्ध अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। MHA ने निर्देश दिया है कि सभी राज्यों को संदिग्ध प्रवासियों का रिकॉर्ड रखना होगा और निर्वासन से पहले उनकी पहचान बांग्लादेश या म्यांमार के अधिकारियों से सत्यापित करानी होगी। हालांकि, बांग्लादेश ने भारत से औपचारिक प्रक्रिया के बिना ‘पुश-बैक’ नीति अपनाने पर आपत्ति जताई है।
इधर बिहार में भी अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया तेज होने जा रही है। बिहार के सीमावर्ती जिलों कटिहार, किशनगंज और अररिया में बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी की खबरें अक्सर सामने आती हैं। बिहार पुलिस और BSF ने इन क्षेत्रों में सघन जांच अभियान शुरू किए हैं और संदिग्धों को डिटेंशन सेंटर भेजने की प्रक्रिया चल रही है।