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1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Tue, 04 Mar 2025 12:19:33 PM IST
कुंभ में गंदगी देखकर बिना डुबकी लगाये चले गये थे मॉरीशस के प्रधानमंत्री - फ़ोटो google
CM Yogi: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिन तक चले महाकुंभ मेले का 26 फरवरी को समापन हो गया। महाकुंभ में इस बार 66.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। महाकुंभ मेले में दुनिया भर से लाखों-करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रयागराज में 2013 में आयोजित कुंभ और 2025 में आयोजित हुए महाकुंभ के आयोजन में बदलाव और अंतर के बारे में विस्तार से बताया।
सीएम योगी ने महाकुंभ के दौरान संगम में प्रदूषण की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि 12 साल पहले जब कुंभ का आयोजन हुआ था, तो मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने स्नान करने से मना कर दिया था। लखनऊ में IIM और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘कुछ लोग बेबुनियाद दावे कर रहे हैं, लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वतंत्र लैब की रिपोर्ट में पानी की गुणवत्ता पूरी तरह सुरक्षित पाई गई।’
मुख्यमंत्री ने किस्सा सुनाते हुए आगे कहा, 2013 के कुंभ में संगम में नहाने आए मॉरिशस के प्रधानमंत्री को संगम की गंदगी के कारण वापस जाना पड़ा था। उन्होंने गंगा को देखते ही कहा था कि यह गंगा है? उसके बाद उन्होंने दूर से प्रणाम किया और बिना स्नान किए चले गए। उस समय मेरे मन में आया कि एक देश के प्रमुख हमारे यहां आए और उनकी भावनाएं आहत हुईं। इसका मतलब साफ था कि उस समय हमारे आयोजन में कोई कमी हुई थी। उस कमी को दूर किया जाए इस पर ध्यान देने का फैसला लिया।'
सीएम ने कहा कि 'इसका सबसे बड़ा कारण वहां बालू में बने शौचालय थे। थोड़े समय बाद वहां से बदबू आने लगी थी। तब मैंने पूछा कि ऐसा कोई इंतजाम कर सकते हैं कि नियमित सफाई कर सकें। थोड़ा खर्चा ज्यादा आने वाला था। मगर हमने गडकरी से चर्चा की उन्होंने मदद करने की बात कही। फिर हमने एक लाख टॉयलेट तैयार किए और उन्हें लगाएं। उनकी नियमित सफाई की गई। स्वच्छता के लिए कर्मचारी तैनात किए गए थे।'
दरअसल महाकुंभ 2025 में UNESCO सहित कई संगठनों ने गंगा और यमुना के पानी की शुद्धता को लेकर सवाल उठाए थे। ऐसे में, योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के दौरान संगम में प्रदूषण की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि लगातार जल की क्वालिटी की जांच की गई और यह साबित हुआ कि कुंभ के दौरान गंगा और यमुना का पानी पूरी तरह साफ था।