1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 14 Oct 2025 08:27:04 AM IST
गाजा शांति सम्मेलन - फ़ोटो Google
Narendra Modi: मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा शांति सम्मेलन ने दुनिया के नेताओं को एक मंच पर ला खड़ा किया, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न सिर्फ इजरायल-हमास संघर्ष को खत्म करने का दावा किया, बल्कि दक्षिण एशिया की तरफ भी नजरें फेर लीं हैं। अपने भाषण में ट्रंप ने भारत को "महान देश" करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना "बहुत अच्छा दोस्त" बताया।
पीछे खड़े पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "भारत का नेतृत्व एक ऐसे दोस्त कर रहे हैं जिन्होंने शानदार काम किया है। मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे।" यह बयान उस वक्त आया जब शरीफ ने ही ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही थी और ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को अपना "पसंदीदा फील्ड मार्शल" कहा था।
ट्रंप का यह बयान गाजा युद्धविराम की सफलता के ठीक बाद आया जो उनकी 20-सूत्री योजना का पहला चरण है। हमास ने 48 बंधकों में से 20 जिंदा बंधकों को रिहा कर दिया है, जबकि इजरायली सेना चरणबद्ध तरीके से पीछे हट रही है। सम्मेलन में ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर, इटली की जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों और तुर्की के रेसेप तईप एर्दोगान जैसे नेता मौजूद थे। भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने हिस्सा लिया, क्योंकि पीएम मोदी ने न्योता ठुकरा दिया था.. शायद शरीफ से मुलाकात से बचने के लिए ही। इस सम्मलेन में ट्रंप ने शरीफ को मंच पर बुलाया और उनकी तारीफ की, वहीं शरीफ ने कहा कि ट्रंप के "अथक प्रयासों" से न सिर्फ गाजा में शांति आई बल्कि दक्षिण एशिया में भी लाखों जिंदगियां बचीं।
ट्रंप ने दावा किया कि यह उनकी आठवीं "सुलझाई" जंग है, जिसमें मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ट्रेड डील की धमकी देकर उन्होंने दोनों देशों को रोका, वरना "परमाणु युद्ध" हो जाता। लेकिन भारत ने हमेशा खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह सीधी बातचीत से सुलझा था, अमेरिकी मध्यस्थता नहीं। फिर भी, ट्रंप का यह अंदाज दक्षिण एशिया में शांति की नई बहस छेड़ रहा है। शरीफ ने ट्रंप को फिर नोबेल के लिए नामित करने की इच्छा जताई, जबकि ट्रंप ने हंसते हुए कहा कि वे "युद्ध सुलझाने में माहिर" हैं, नोबेल के लिए नहीं।
यह सम्मेलन सिर्फ गाजा तक सीमित नहीं रहा, ट्रंप ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान तनाव पर भी नजर डाली और कहा कि वे अगली "जंग" रोकेंगे। भारत के लिए यह पल दोहरी तलवार जैसा है, मोदी की तारीफ तो हुई, लेकिन पाकिस्तान के साथ "साथ रहने" का संदेश भी दिया गया। वीडियो में ट्रंप का शरीफ की ओर इशारा और मुस्कान साफ दिख रही है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। क्या यह दक्षिण एशिया में नई शुरुआत है या ट्रंप का पुराना दावा दोहराना? ये तो वक्त ही बताएगा।