Nepal Jail Break: नेपाल में तख्तापलट के बीच कैदियों का नया खेल, जेल तोड़कर भारत में घुसने की कर रहे थे साजिश; हुआ बड़ा एक्शन

Nepal Jail Break: नेपाल की जलेश्वर जेल से फरार 10 कैदी भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हुए SSB के हत्थे चढ़े। कैदियों में 8 नेपाली और 2 भारतीय शामिल हैं। मामले के बाद सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 10 Sep 2025 01:04:15 PM IST

Nepal Jail Break

नेपाल की जलेश्वर जेल से फरार 10 - फ़ोटो GOOGLE

Nepal Jail Break: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में इस समय राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल मची हुई है। राजधानी काठमांडू से लेकर ग्रामीण इलाकों तक विरोध-प्रदर्शन की आग फैली हुई है। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है। हालात ऐसे हो गए कि प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद देश की कमान नेपाली सेना के हाथ में सौंप दी गई है।


इस बवाल के बीच महोत्तरी जिले के जलेश्वर जेल से एक बड़ा जेलब्रेक कांड सामने आया है। मंगलवार को हुए इस घटनाक्रम में 577 में से 576 कैदी फरार हो गए, जबकि केवल एक बंदी को नेपाल की सशस्त्र प्रहरी बल ने पकड़ पाया। जेल से भागे कुछ कैदी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जहां एसएसबी की सतर्क निगरानी के चलते उन्हें पकड़ लिया गया।


मंगलवार देर रात ये कैदी सीमा पार कर चोरी-छिपे भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। एसएसबी जवानों ने उन्हें हिरासत में लेकर भिठ्ठा और सुरसंड थाना पुलिस के हवाले कर दिया। पकड़े गए 10 कैदियों में 8 नेपाली और 2 भारतीय नागरिक शामिल हैं। प्राथमिक जांच में सभी को विचाराधीन बंदी बताया गया है।


भिठ्ठा थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि गिरफ्तार नेपाली कैदियों में रामगुलाम महतो (मुखियापट्टी मुसहरनिया, धनुषा), विनोद राय (हसनपुर नगरपालिक, औरही थाना क्षेत्र), मोजाहिद अंसारी (धिरापुर, महोत्तरी), सुरेन्द्र साह सोनार (खुट्टा पिपराढ़ी, लोहरपट्टी), इंद्रेश मंडल (कुर्था, धनुषा), कृष्ण कुमार महतो (यदुकाहा, धनुषा) शामिल है। वहीं, भारतीय नागरिकों में मोहन कुमार (हाजीपुर, वैशाली जिला) और गुड्डू कुमार (परसौनी खेम, मोतिहारी) शामिल है। 


सुरसंड थानाध्यक्ष धनंजय कुमार पांडे ने बताया कि उनके थाना क्षेत्र से दो और लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें रियाज दफाली (वार्ड-1, जलेश्वर) और राजेश तमांग (हेठौढ़ा, वार्ड-3, नेपाल) है। फिलहाल सभी को थानों में रखा गया है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नेपाल में चल रहे विरोध की शुरुआत भ्रष्टाचार के मामलों और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हुई थी। धीरे-धीरे यह आंदोलन देशव्यापी बन गया और हिंसा में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास, कई मंत्रियों और नेताओं के घरों तथा कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की। भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के घरों पर भी हमला किया।


स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेपाल सरकार ने सोमवार रात सोशल मीडिया बैन हटा लिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा कम नहीं हुआ। वे 19 नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जेलब्रेक कांड के बाद नेपाल के महोत्तरी जिला और आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्रों में हाई अलर्ट है, और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। जलेश्वर नगर और अन्य क्षेत्रों में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है, हालांकि अधिकारियों के अनुसार स्थिति नियंत्रण में है।