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Online Fraud: पिछले 37 दिनों में साइबर ठगी से बचे 61 लाख लोग, तरीका जान आप भी कहोगे "ये हुई न बात"

Online Fraud: झारखंड-बिहार में 37 दिनों में 61 लाख यूजर्स को AI फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम ने साइबर ठगी से बचाया है। SMS, व्हाट्सएप, ईमेल लिंक 100 मिली सेकंड में किए जाते हैं ब्लॉक।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Jun 2025 09:42:54 AM IST

Online Fraud

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Online Fraud: झारखंड और बिहार में एक टेलीकॉम कंपनी ने अपने AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के जरिए महज 37 दिनों में 61 लाख से अधिक मोबाइल यूजर्स को ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बचाया है। कंपनी ने शुक्रवार को रांची में झारखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अनुराग गुप्ता को इस उपलब्धि की जानकारी दी है। उनका यह सिस्टम SMS, व्हाट्सएप, फेसबुक, ईमेल और अन्य ब्राउजर्स पर भेजे गए संदिग्ध लिंक को स्कैन कर 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक करता है, जिससे यूजर्स की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित होती है। डीजीपी ने इस पहल की सराहना की है और इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम बताया है।


यह AI सिस्टम रियल-टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस का उपयोग करता है, जो हर दिन एक अरब से अधिक URL की जांच करता है। यह सिस्टम ऑटोमैटिक रूप से सभी मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए सक्रिय है और बिना किसी अतिरिक्त लागत के काम करता है। उदाहरण के तौर पर, अगर रांची का कोई यूजर संदिग्ध मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक करता है, जैसे “आपका पार्सल डिलीवरी में लेट है, ट्रैक करें,” तो सिस्टम तुरंत लिंक को स्कैन करता है। अगर लिंक फर्जी पाया जाता है, तो यूजर को “Blocked! This site is dangerous!” का चेतावनी मैसेज मिलता है। यह प्रणाली हिंदी सहित यूजर की पसंदीदा भाषा में अलर्ट भेजती है, जिससे कम डिजिटल साक्षरता वाले क्षेत्रों में भी प्रभावी है।


झारखंड और बिहार में साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर फिशिंग लिंक, फर्जी डिलीवरी मैसेज और बैंकिंग अलर्ट के जरिए। कंपनी के झारखंड और बिहार सर्कल के CEO ने कहा, “हमारा AI सिस्टम ग्राहकों को साइबर खतरों से व्यापक सुरक्षा देता है, जिससे वे डिजिटल दुनिया में बेफिक्र रह सकते हैं।” यह सिस्टम विशेष रूप से उन इलाकों में प्रभावी है, जहां अंग्रेजी का कम उपयोग होता है, क्योंकि यह स्थानीय भाषाओं में चेतावनी देता है। तेलंगाना में भी इस सिस्टम ने 25 दिनों में 54 लाख यूजर्स को बचाया और 1.8 लाख फर्जी लिंक ब्लॉक किए, जो इसकी प्रभावशीलता को दर्शाता है।


यह पहल न केवल यूजर्स को वित्तीय नुकसान से बचा रही है, बल्कि साइबर अपराधियों के लिए चुनौती भी बढ़ा रही है। यह सिस्टम बिना किसी ऐप इंस्टॉलेशन के बैकग्राउंड में काम करता है, जिससे यूजर्स को आसानी होती है। झारखंड के जामताड़ा जैसे साइबर क्राइम हब से होने वाली ठगी को रोकने में भी यह सिस्टम कारगर साबित हो रहा है। सरकार की संचार साथी पहल और DoT के AI टूल ASTR के साथ मिलकर यह टेलीकॉम कंपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत कर रही है।