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Pakistani Nationals Sent Back: 18 साल भारत में बिताए, फिर भी रियाज को पत्नी-बच्चों को छोड़ पाकिस्तान भेजा गया , जानिए क्यों!

Pakistani Nationals Sent Back: भारत सरकार द्वारा 1 मई से पहले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश के तहत जम्मू-कश्मीर से कई पाक नागरिकों को अटारी बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान भेजा गया। इस निष्कासन अभियान में भावनात्मक दृश्य भी सामने आए|

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 May 2025 10:05:19 AM IST

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1 मई से पहले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश का पालन - फ़ोटो Google

Pakistani Nationals Sent Back: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के तहत, कई पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से निष्कासित कर बुधवार को वाघा-अटारी संयुक्त चेकपोस्ट के ज़रिए पाकिस्तान वापस भेजा गया। 


यह कार्रवाई केंद्र सरकार के उस आदेश के तहत हुई है, जिसमें 1 मई से पहले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए थे। जैसे ही पुलिस की बस संयुक्त चेकपोस्ट पर पहुंची, राजौरी निवासी सारा खान अपने नवजात शिशु को गोद में लिए बस से उतरीं और मीडिया के सामने भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि उन्होंने मात्र 14 दिन पहले सिजेरियन डिलीवरी से बच्चे को जन्म दिया है, और डॉक्टरों ने उन्हें यात्रा न करने की सलाह दी थी। बावजूद इसके, उन्हें जबरन उनके गृहनगर से सैकड़ों किलोमीटर दूर लाया गया।


सारा पहले से ही छह साल के उमर हयात खान की मां हैं और उनके पास जुलाई 2026 तक वैध दीर्घकालिक वीजा था। उनके पति औरंगज़ेब खान ने बताया कि उन्होंने 2017 में अपनी चचेरी बहन सारा से शादी की थी। उनका जन्म पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मीरपुर में हुआ था, जबकि उनके माता-पिता 1965 में भारत आकर बस गए थे।


कुपवाड़ा निवासी रियाज़ खान ने भी निर्वासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पिता भारतीय सेना में थे और वे जिला विकास परिषद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। रियाज़ 12 वर्ष की उम्र में अनजाने में पाकिस्तान चले गए थे और 2007 में अटारी बॉर्डर से भारत लौटे। अब, 18 वर्षों बाद, उन्हें पत्नी और बच्चों को छोड़कर फिर से निर्वासित किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस बस की खिड़की से अपना आधार कार्ड दिखाते हुए अपनी भारतीय पहचान का दावा किया।


इसी तरह, कठुआ निवासी राधा देवी, जिनकी उम्र 60 वर्ष है, ने बताया कि उन्हें आधी रात को उनके घर से उठाया गया, जबकि उनके पास सभी वैध दस्तावेज़ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि उनका पाकिस्तान में कोई संबंधी नहीं है और उनके सारे बच्चे जम्मू क्षेत्र में रहते हैं। राधा ने कहा कि वह विभाजन के बाद भारत आई थीं और अब उन्हें याद भी नहीं कि उनके पूर्वज पाकिस्तान में कहां रहते थे।


गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कड़े फैसले लिए हैं। इसके साथ ही भारत में अल्पकालिक वीज़ा पर रह रहे पाक नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।