हिमाचल को ₹1500 करोड़ की मदद, पंजाब में भी बाढ़ग्रस्त इलाकों का पीएम मोदी ने किया हवाई सर्वेक्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल और पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया और हिमाचल को 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया। केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 09 Sep 2025 05:11:04 PM IST

बिहार

हरसंभव मदद का दिलाया भरोसा - फ़ोटो सोशल मीडिया

HIMACHAL PRADESH: हिमाचल और पंजाब में बाढ़ का कहर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को सबसे पहले हिमाचल के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया उसके बाद पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। हिमाचल के कुल्लू, मंडी और चंबा में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। वही पंजाब में भी स्थिति भयावह हो गयी है। 


हिमाचल का हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वे करने के बाद पीएम मोदी ने वहां की पूरी स्थिति को देखा और हिमाचल को 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हिमाचल के बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी। केंद्र सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।


हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी के हिमाचल दौरे पर कहा कि "मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं कि आपदा की इस घड़ी में उन्होंने हिमाचल को बहुत बड़ी मदद दी है, वे पीड़ितों से भी मिले हैं और हिमाचल के लिए 1500 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है, इससे हिमाचल को बहुत मदद मिलेगी। ये बहुत बड़ी बात है। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से विस्तार से बात की, उन्होंने कहा कि वे इस क्षति में हिमाचल के साथ हैं।"


बता दें कि हिमाचल में बादल फटने, बारिश और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। चंबा, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल स्पीति, शिमला और मंडी में 47 जगहों पर बादल फटा था। अलग-अलग स्थानों पर अभी तक 136 भूस्खलन हुआ। जिसके चलते पूरे हिमाचल में 820 सड़कें बंद हैं और यातायात बाधित हो गया है। इस दौरान 4 हजार 122 करोड़ की निजी और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है। अभी तक 370 लोगों की मौतें भी हो चुकी है। जबकि 41 लोग अभी तक लापता है जिसकी खोजबीन अभी भी की जा रही  है। वही 26 हजार 955 मवेशियों की भी मौत हो चुकी है वही 5 हजार 354 गौशालाएं टूट कर क्षतिग्रस्त हो गयी है।