BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 22 Apr 2025 11:00:28 AM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो google
Success Story: मेहनत और लगन से की गई कार्य में सफतला जरुर ही मिलती है। ऐसे ही सफलता की कहानी लिखी हैं डॉ. अदिति उपाध्याय। दरअसल, राजस्थान कैडर में हाल ही में तीन महिला आईपीएस अधिकारियों की धमाकेदार एंट्री हुई है, जिन्हें सोशल मीडिया पर ‘लेडी सिंघम’ के नाम से भी जाना जा रहा है। 2024 बैच की इन आईपीएस अधिकारियों को राजस्थान के विभिन्न जिलों में पोस्टिंग दी गई है। इन तीनों में से एक नाम जो खासतौर पर सुर्खियों में है, वो है डॉ. अदिति उपाध्याय का जिनकी कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि युवाओं के लिए मिसाल भी है।
डॉ. अदिति उपाध्याय वाराणसी, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। उन्होंने साल 2023 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में 127वीं रैंक हासिल कर आईपीएस का गौरव प्राप्त किया। खास बात यह रही कि उन्होंने यह सफलता अपने पहले ही प्रयास में हासिल की। अदिति पेशे से एक डॉक्टर थीं। उन्होंने BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की पढ़ाई पूरी की, और कुछ समय तक डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस भी की। लेकिन डॉक्टरी के दौरान उन्हें यह एहसास हुआ कि उनकी असली मंजिल कहीं और है प्रशासनिक सेवाओं में। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की राह पकड़ी, जो देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है।
डॉ. अदिति की मेहनत वाकई काबिल-ए-तारीफ रही है। वह दिन में मरीजों का इलाज करती थीं और रात को यूपीएससी की तैयारी में जुट जाती थीं। उन्होंने किसी भी कोचिंग संस्थान की मदद नहीं ली, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सेल्फ स्टडी के दम पर तैयारी की। उन्होंने बताया कि इस सफर के दौरान टाइम मैनेजमेंट और डिसिप्लिन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बने। जब अदिति ने यूपीएससी मेन्स परीक्षा पास की, तो उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी पर पूरा फोकस करने के लिए डॉक्टर की नौकरी छोड़ दी। उनके इस निर्णय का ही परिणाम रहा कि उन्होंने इंटरव्यू में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 127वीं रैंक हासिल की।
एक इंटरव्यू में अदिति ने बताया कि जब वह यूपीएससी इंटरव्यू देने गई थीं, तो इंटरव्यू रूम में प्रवेश से पहले उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस धार्मिक विश्वास ने उन्हें मानसिक रूप से शांत और आत्मबल से भरपूर बनाया, जिससे उन्हें इंटरव्यू में सफलता मिली। अब डॉ. अदिति उपाध्याय राजस्थान पुलिस कैडर में आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवा दे रही हैं। उनकी पोस्टिंग हाल ही में हुई है और वे अपने नए रोल को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
उनकी प्राथमिकता कानून-व्यवस्था बनाए रखना, महिला सुरक्षा को सशक्त करना और युवाओं को अपराध से दूर कर एक सकारात्मक दिशा देना है। डॉ. अदिति उपाध्याय की कहानी इस बात का प्रमाण है कि यदि किसी के भीतर सच्ची लगन और कड़ी मेहनत करने का जज्बा हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। मेडिकल फील्ड से सिविल सेवा में आकर उन्होंने यह साबित किया कि कभी भी अपनी राह बदली जा सकती है बशर्ते इरादे मजबूत हों।