Bihar News: बिहार के इस जिले में बड़ा हादसा, आइसक्रीम फैक्ट्री में गैस टंकी फटने से शख्स की मौत; जोरदार धमाके से दहला इलाका Bihar News: बिहार के इस जिले में बड़ा हादसा, आइसक्रीम फैक्ट्री में गैस टंकी फटने से शख्स की मौत; जोरदार धमाके से दहला इलाका सिमडेगा में सड़क और स्वास्थ्य सेवा बदहाल, बुजुर्ग महिला को खाट पर अस्पताल ले जाने का वीडियो वायरल Bihar Crime News: पूर्व सैनिक की हत्या के बाद गांव में तनाव, अतिरिक्त पुलिस बल किया गया तैनात Bihar News: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी की सभी ADM कार्यालयों की रैंकिंग, जानिए.. अपने जिले का हाल Bihar News: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी की सभी ADM कार्यालयों की रैंकिंग, जानिए.. अपने जिले का हाल Shefali Jariwala: जवान दिखने के लिए दवा ले रही थीं एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला, एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट को लेकर डॉक्टर का खुलासा Shefali Jariwala: जवान दिखने के लिए दवा ले रही थीं एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला, एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट को लेकर डॉक्टर का खुलासा Bihar News: मिठाई दुकानदार की मौत से मचा कोहराम, भगवान किसी को भी न दें ऐसी बदकिस्मती Bihar News: बिहार में यहां बन रहा भव्य रिवर फ्रंट, वॉकवे और ओपन थिएटर के अलावा होंगे मनोरंजन के ढेर सारे साधन
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 28 Jun 2025 12:22:20 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: आपने कभी न कभी यह कहावत जरूर सुनी होगी "हाथों की लकीरों पर भरोसा मत करो, क्योंकि किस्मत उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते।" यह कहावत सच हुई है राजस्थान की पायल यादव की जिंदगी में, जिन्होंने अपने अदम्य साहस, लगन और मेहनत से एक मिसाल पेश की है।
राजस्थान के खैरथल तिजारा जिले के छोटे से मुंडनकला गांव की पायल यादव के दोनों हाथ नहीं हैं। बचपन में हुए एक हादसे में उनके हाथ कट गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पैरों से लिखकर उन्होंने दसवीं बोर्ड की परीक्षा दी और पूरे 600 में से 600 अंक प्राप्त कर 100% अंक हासिल किए। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि उनके पूरे परिवार और गांव के लिए गर्व का विषय है।
पायल जब मात्र 6 साल की थीं, तब खेतों में खेलते हुए वह 11,000 वोल्ट की बिजली लाइन के संपर्क में आ गईं। इस हादसे में उनका शरीर बुरी तरह झुलस गया और स्थिति नाजुक होने पर डॉक्टरों को उनकी दोनों हाथ काटने पड़े। इस घटना के बाद उनके माता-पिता को लगा कि उनकी बेटी अब सामान्य जीवन भी नहीं जी पाएगी, लेकिन पायल ने सभी धारणाओं को गलत साबित किया।
हाथों के बिना भी पायल ने न केवल जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लिया, बल्कि कठिनाइयों को पार करते हुए अपने पैरों से लिखने की कला सीख ली। उनकी मेहनत और परिवार व शिक्षकों के सहयोग से उन्होंने अपनी पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन किया। पायल का सपना IAS अधिकारी बनने का है, और वे उस मंजिल की ओर लगातार कदम बढ़ा रही हैं।
पायल यादव की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें हार नहीं माननी चाहिए। हमें अपने सपनों को पाने के लिए कठिनाइयों का सामना हिम्मत और धैर्य से करना चाहिए। उनका संघर्ष साबित करता है कि इंसान की इच्छाशक्ति उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। पायल ने अपनी सफलता का श्रेय न केवल अपनी मेहनत को दिया, बल्कि अपने परिवार और शिक्षकों के सहयोग को भी स्वीकार किया। उनका कहना है कि परिवार का समर्थन और शिक्षकों की मार्गदर्शन ने उन्हें कभी हार नहीं मानने दिया।
पायल ने अभी से IAS अधिकारी बनने का लक्ष्य तय कर लिया है। वे अपनी पढ़ाई जारी रख रही हैं और एक दिन देश की सेवा करने का सपना देखती हैं। उनकी यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो किसी भी परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारता। पायल यादव की कहानी यह संदेश देती है कि जीवन में बाधाएं रोक नहीं सकतीं जब आपका इरादा मजबूत हो। मेहनत, जिद और परिवार के साथ मिलकर कोई भी चुनौती पार की जा सकती है। पायल ने दिखा दिया कि असंभव कुछ भी नहीं।