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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 13 Feb 2025 09:21:45 AM IST
Success Story - फ़ोटो REPOTER
Success Story : दुनिया भर में यदि किसी एग्जाम को सबसे कठिन कहा जाता है वह है यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा। इसकी एक वजह यह है कि हर साल इस परीक्षा में लाखों कैंडिडेट्स शामिल होते हैं, लेकिन उसमें से सिर्फ 1000-1200 के करीब ही कैंडिडेट्स का फाइनल रूप से सेलेक्शन हो पाता है। लेकिन,कभी-कभी इस परीक्षा में कोई ऐसे गुदरी के लाल भी निकल जाते हैं जो हर किसी प्रेरणास्रोत बन जाते हैं।
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वहीं एक ऐसा ही नाम ईश्वर्या रामनाथन और सुष्मिता रामनाथन भी उन्हीं में से एक हैं, जिनकी कहानी जानकर हर कोई प्रेरित हो जाता है। तो आइए जानते हैं कि ये दोनों कौन हैं और उनकी सक्सेस स्टोरी क्या है? दरअसल, ईश्वर्या रामनाथन और सुष्मिता रामनाथन दोनों बहनें हैं, जिन्होंने काफी मुफ्लिशी में जीवन बिताते हुए अब यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है। इन दोनों बहनों की कहानी यह बताती है कि अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए और मेहनत करनी चाहिए, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।
बताया जाता है कि तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में जन्मीं और पली-बढ़ीं ईश्वर्या और सुष्मिता का पालन-पोषण एक गरीब परिवार में हुआ है। उनके परिवार ने गुजारा करने के लिए काफी संघर्ष किया है। साल 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के दौरान इन दोनों बहनों ने अपना घर तक खो दिया था, लेकिन ये भयंकर आपदा इन दोनों बहनों के सपनों और जुनून को नहीं तोड़ सकी।
जानकारी के मुताबिक सबसे पहले छोटी बहन ईश्वर्या रामनाथन ने यूपीएससी में सफलता हासिल की थी। उन्होंने साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 628वीं रैंक हासिल की थी, जिसके बाद उनका चयन रेलवे अकाउंट्स सर्विस (RAS) के लिए हुआ था। हालांकि वह अपने रैंक से संतुष्ट नहीं थीं, इसलिए उन्होंने 2019 में फिर से परीक्षा दी और इस बार 44वीं रैंक के साथ महज 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गईं। उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला है।
इधर, अपनी छोटी बहन के नक्शेकदम पर चलते हुए सुष्मिता ने भी अच्छे से यूपीएससी की तैयारी की, लेकिन उनकी तैयारी पर्याप्त नहीं थी, इसलिए वह अपने पहले पांच प्रयासों में फेल हो गईं। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और 2022 में फिर से परीक्षा दी। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया 528वीं रैंक के साथ एग्जाम क्रैक कर लिया और उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर मिला है।