SIR in Bihar: बिहार में SIR पर सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, दस्तावेज जमा करने को लेकर दिया यह आदेश

SIR in Bihar: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी दस्तावेज जमा किए जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग को दावे और आपत्तियां स्वीकार करने होंगे।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 01 Sep 2025 02:08:04 PM IST

SIR in Bihar

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

SIR in Bihar: बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 1 सितंबर की डेडलाइन खत्म होने के बाद भी दावे, आपत्तियां और सुधार से जुड़े दस्तावेज स्वीकार किए जाएं।


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि SIR प्रक्रिया को लेकर राज्य में काफी हद तक विश्वास का संकट बना हुआ है, इसलिए राजनीतिक दलों को इसमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह मतदाताओं और राजनीतिक दलों की सहायता के लिए अर्ध-विधिक स्वयंसेवकों की नियुक्ति करे।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये अर्ध-विधिक स्वयंसेवक संबंधित जिला न्यायाधीशों के समक्ष गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे, जिन पर अगली सुनवाई में 8 सितंबर को विचार किया जाएगा। आरजेडी और AIMIM की याचिका पर सुनवाई के दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को बताया कि बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कुल 2.74 करोड़ मतदाताओं में से 99.5% लोगों ने अब तक पात्रता दस्तावेज जमा कर दिए हैं।


आयोग ने यह भी कहा कि आरजेडी द्वारा 36 दावे दायर करने का दावा गलत है, दरअसल केवल 10 दावे ही दर्ज हुए हैं। जिन मतदाताओं के दस्तावेज अधूरे हैं, उन्हें 7 दिन के भीतर नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है, जो निरंतर चलती रहती है।


चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 1 सितंबर के बाद भी दावे, आपत्तियां और सुधार स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन मतदाता सूची को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही उन पर विचार किया जाएगा। नामांकन की अंतिम तिथि तक दावे, आपत्तियां और सुधार दाखिल किए जा सकते हैं।