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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 May 2025 10:43:33 AM IST
थाने में फरियादी को सम्मान और उचित व्यवहार का अधिकार - फ़ोटो Google
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के लिए आने वाला हर व्यक्ति सम्मान और उचित व्यवहार पाने का हकदार है। यह व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सुनिश्चित किया गया है।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने तमिलनाडु राज्य मानवाधिकार आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य मानवाधिकार आयोग के फैसले को बहाल किया, जिसमें धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराने थाने गए एक व्यक्ति के साथ पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा दुर्व्यवहार करने और प्राथमिकी दर्ज न करने पर राज्य सरकार पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इस जुर्माने की राशि इंस्पेक्टर से वसूलने का आदेश भी दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा दिए गए फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि पुलिस थाने में फरियादी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए। जस्टिस ओका ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब वह अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास जा रहा हो।
बता दे कि तमिलनाडु के पुलिस इंस्पेक्टर पीवाई धसन ने राज्य मानवाधिकार आयोग के इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और फैसला यथावत रखा। यह निर्णय न्यायपालिका द्वारा पुलिस कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और फरियादियों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।