1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 29 Nov 2025 10:06:46 PM IST
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Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में 1 दिसंबर 2025 से प्रभावी होने वाले कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य मौखिक मेंशनिंग और अर्जेंट लिस्टिंग की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, अनावश्यक मेंशनिंग कम करना और व्यक्तिगत स्वतंत्रता व तत्काल राहत से जुड़े मामलों की तेजी सुनवाई सुनिश्चित करना है। इसके लिए चार नए सर्कुलर जारी किए गए हैं।
मौखिक मेंशनिंग पर रोक: अब मामलों की लिस्टिंग के लिए वकीलों को मुख्य न्यायाधीश (CJI) के सामने मौखिक मेंशनिंग करने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल ऐसे मामलों के लिए अनुमति होगी जिन्हें विशेष रूप से मंजूरी मिली हो।
वरिष्ठ वकील मेंशनिंग नहीं करेंगे: अब कोई भी वरिष्ठ वकील किसी भी पीठ के समक्ष मामलों की मेंशनिंग नहीं करेगा। इसके स्थान पर युवा और जूनियर वकीलों को इसमें प्रोत्साहित किया जाएगा।
अर्जेंट मामलों की प्राथमिकता: व्यक्तिगत स्वतंत्रता और तत्काल अंतरिम राहत से जुड़े नए मामलों को दो कार्यदिवस के भीतर सूचीबद्ध किया जाएगा। इनमें नियमित जमानत और अग्रिम जमानत, जमानत रद्द करने के मामले, मृत्युदंड से जुड़े मामले, हेबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण), बेदखली या कब्जे से संबंधित मामले, डेमोलेशन से जुड़े मामले, कोई भी मामला जिसमें तुरंत अंतरिम आदेश की आवश्यकता हो शामिल हैं।
सत्यापन और सूचीबद्धता: ऐसे मामलों को सभी त्रुटियों और खामियों को दूर करने के बाद वेरिफिकेशन के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा। मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सत्यापित मामलों को अगले सोमवार, जबकि शुक्रवार, शनिवार और सोमवार को सत्यापित मामलों को अगले शुक्रवार सूचीबद्ध किया जाएगा।
अत्यावश्यक मामलों की प्रक्रिया: जिन मामलों में निर्धारित सूचीबद्धता तारीख तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती (जैसे अग्रिम जमानत, मृत्युदंड, हेबियस कॉर्पस, बेदखली/कब्जा, डेमोलेशन), उनके लिए पक्षकारों को Mentioning Proforma और आवश्यकता दस्तावेज़ दिन के पहले कार्यदिवस में दोपहर 3 बजे तक (शनिवार को 11:30 बजे तक) मेंशनिंग ऑफिसर को जमा करना होगा। मेंशनिंग ऑफिसर इन दस्तावेजों को रजिस्ट्रार को मुख्य न्यायाधीश के आदेश के लिए भेजेंगे।
तारीख पर तारीख समाप्त: अब “तारीख पर तारीख” की प्रथा समाप्त होगी। केवल अर्जेंट और शीघ्र सुनवाई के मामलों को ही मेंशनिंग ऑफिसर के माध्यम से प्रक्रिया में लाया जाएगा। इन बदलावों से सुप्रीम कोर्ट में फाइलिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी होगी।