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Waqf Act Supreme Court hearing: अदालत संसद द्वारा बनाए गए कानूनों में मनमानी दखल नहीं दे सकती..सुनवाई में क्या बोले चीफ जस्टिस?

Waqf Act Supreme Court hearing: वक्फ अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। इस सुनवाई में मुख्य अन्य जजों ने कानून की संवैधानिकता, वक्फ की परिभाषा और सरकारी ज़मीन से जुड़े विवादों पर विचार किया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 20 May 2025 03:34:47 PM IST

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1,332 पन्नों का जवाब और 3 बड़े सवाल - फ़ोटो Google

Waqf Act Supreme Court hearing:   सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम 2025 को लेकर दायर याचिकाओं पर 20 मई यानि आज से फिर सुनवाई शुरू कर दी है। चीफ जस्टिस डी.वाई. गवई की अगुआई वाली बेंच इस मामले को देख रही है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए, जबकि याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी।


CJI गवई ने कहा कि संसद द्वारा बनाया गया कानून संविधान के अनुसार ही होता है, इसलिए अदालत तभी दखल देती है जब बहुत जरूरी हो। कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई को तीन मुद्दों तक सीमित रखा है – वक्फ की पहचान, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति और सरकारी जमीन को वक्फ बताने से जुड़ी प्रक्रिया।


केंद्र सरकार ने भी कहा कि जब तक मामला चल रहा है, वो इन्हीं तीन मुद्दों पर सुनवाई के लिए तैयार है। लेकिन वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि टुकड़ों में नहीं, बल्कि पूरे मामले पर एकसाथ बहस होनी चाहिए। उन्होंने वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना, वक्फ बोर्ड की संरचना और सरकारी जमीन पर वक्फ का दावा जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देने को कहा।  


इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया था कि 5 मई तक वह वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना नहीं हटाएगी और कोई नई नियुक्ति भी नहीं करेगी। लेकिन केंद्र ने अदालत से यह भी कहा कि वह पूरे कानून पर कोई रोक न लगाए क्योंकि यह संसद द्वारा पारित किया गया है। 25 अप्रैल को केंद्र ने इस कानून को सही बताते हुए 1,332 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया था। यह कानून लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ और फिर 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हुआ।