Katihar News: कटिहार में भीषण सड़क हादसा, ट्रक-ऑटो-बाइक की टक्कर में कई लोग घायल Bihar vigilance : भूमि विवाद निपटारे के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ा गया कर्मचारी, निगरानी टीम ने दबोचा Bihar Dsp Transfer: नीतीश सरकार ने सात DSP का किया ट्रांसफर-पोस्टिंग, लिस्ट देखें.... Bihar Politics: ‘झूठ बोलने की मशीन बनकर घूम रहे पीएम’ आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने पीएम मोदी को बताया सबसे नकारा प्रधानमंत्री Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में सफेद रंग क्यों होता है जरूरी? जानें... इसके पीछे का रहस्य Bihar News: बिहार के इस जिले को बाढ़ से मिलेगी मुक्ति, जल्द शुरू होने जा रहा यह बड़ा काम; सरकार ने दे दी मंजूरी Bihar News: बिहार के इस जिले को बाढ़ से मिलेगी मुक्ति, जल्द शुरू होने जा रहा यह बड़ा काम; सरकार ने दे दी मंजूरी Bihar News: आचानक बिजली के टावर पर चढ़ गया युवक, घंटों किया हाई वोल्टेज ड्रामा; जानिए... फिर क्या हुआ? Bihar Politics: मोकामा में ललन सिंह ने ऐसा क्यों कहा..? नीतीश कुमार ने अपराधियों को ठंढा कर दिया...और चोर-चिल्लर तो 'अनंत बाबू' के डर से घर में घुस गया Bihar Politics: अनंत बाबू को विजयी बनाइए....मोकामा की धरती से ललन सिंह ने कर दिया एलान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Sep 2025 01:29:37 PM IST
विश्व नारियल दिवस - फ़ोटो GOOGLE
World Coconut Day: हर साल 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day) मनाया जाता है। नारियल भारतीय संस्कृति में न केवल शुभ माना जाता है, बल्कि इसका स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा महत्व है। नारियल पानी, नारियल तेल और सूखा नारियल – तीनों ही सेहत के लिए लाभकारी माने जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नारियल पानी किसी की जान भी बचा सकता है? आज हम आपको एक ऐसा ही चौंकाने वाला किस्सा बताते हैं, जब युद्ध के मैदान में नारियल पानी ने खून की जगह ली और कई सैनिकों की जान बचाई।
यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध और वियतनाम युद्ध के दौरान की है। उस समय युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों को खून की सख्त जरूरत होती थी, लेकिन वहां ब्लड बैंक, स्टोरेज और सुरक्षित ट्रांसफ्यूजन की सुविधा नहीं थी। ऐसे में डॉक्टरों को विकल्प की तलाश थी जिससे सैनिकों की जान बचाई जा सके। उष्णकटिबंधीय इलाकों में आसानी से मिलने वाला नारियल पानी इस स्थिति में उपयोगी साबित हुआ।
नारियल पानी एक प्राकृतिक चीज़ है जिसमें इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं और यह पूरी तरह साफ-सुथरा और संक्रमणमुक्त होता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इसका रासायनिक संतुलन मानव रक्त के प्लाज्मा से काफी मेल खाता है। इसीलिए डॉक्टरों ने इसे नसों में चढ़ाने का जोखिम उठाया। यह प्रयोग सफल रहा और नारियल पानी ने आपात स्थिति में खून जैसा काम किया।
इस अनोखे प्रयोग के कारण नारियल पानी को "नेचर का IV ड्रिंक" कहा जाने लगा। यह प्रयोग खासतौर पर प्रशांत महासागर के द्वीपों में तैनात अमेरिकी और जापानी सैनिकों पर किया गया। बाद में वियतनाम युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हुआ। इसने ऐसे समय में सैकड़ों सैनिकों की जान बचाई जब आसपास खून उपलब्ध नहीं था।
हालांकि नारियल पानी खून का स्थायी विकल्प नहीं है, लेकिन आपात स्थिति में यह एक अस्थायी जीवन रक्षक उपाय साबित हुआ। ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन’ में भी इस प्रयोग का उल्लेख है, जो इसे चिकित्सा इतिहास में एक अनोखा और प्रेरणादायक उदाहरण बनाता है। World Coconut Day के मौके पर यह कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रकृति के साधारण तत्व भी असाधारण परिस्थितियों में चमत्कार कर सकते हैं।