बिहार चुनाव 2025: अब मोबाइल से मिनटों में डाउनलोड करें अपना वोटर आईडी कार्ड, जानिए DigiLocker से पूरा प्रोसेस Bihar Election 2025: पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों पर मतदान कल, इतने बूथों पर होगी वोटिंग; चुनाव आयोग ने किए पुख्ता इंतजाम Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 09 Aug 2024 11:28:54 AM IST
- फ़ोटो
DESK : दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। वह 17 महीनों बाद जेल से बाहर निकलने जा रहे हैं।शराब नीति मामले में सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया है।
दरअसल, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण व कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के लिए 26 फरवरी 2023 को सीबीआई के तरफ से गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 6 अगस्त को पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसके बाद अब यह फैसला सुनाया गया है।
सुनवाई के दौरान मनीष सिदोतिया के वकील ने कहा कि अक्टूबर में हमें बताया गया था कि 6-8 महीने में मुकदमा पूरा हो सकता है। हमने कहा था कि अगर ऐसा न हुआ तो आरोपी दोबारा ज़मानत की मांग कर सकता है। आरोपी लंबे समय से जेल में है। ऐसे में इन्हें PMLA सेक्शन 45 में दी गई ज़मानत की कड़ी शर्तों से रियायत की मांग की गई। वहीं जांच एजेंसी ने आरोपी को मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार बताया।
कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की जड़ें समाज में गहरी जुड़ीं हैं और इसलिए वह भाग नहीं सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूत जब्त किए जा चुके हैं और इसलिए इनसे छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि ट्रायल में देरी की वजह खुद मनीष सिसोदिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल में देरी के मामलों में निचली अदालतों को उदारता से जमानत पर विचार करना चाहिए।