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1st Bihar Published by: 3 Updated Fri, 23 Aug 2019 12:11:07 PM IST
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DESK : तीन तलाक को अपराध बताने वाले कानून के खिलाफ कई मुस्लिम संगठनों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य मुस्लिम संगठनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली पीठ ने जवाब मांगा है. मुस्लिम संगठनों ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट जब तीन तलाक को पहले ही अमान्य कह चुका है तो ऐसे में कानून बनाने की जरूरत नहीं थी. सरकार के नए कानून के तहत तलाक के लिए तीन साल तक की सजा है, ऐसे में पति के जेल जाने से पत्नी की मदद नहीं होगी. गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 1 अगस्त को तीन-तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके बाद 3 तलाक अपराध की श्रेणी में आ गया. अब तीन तलाक के लिए तीन साल तक की सजा दी जा सकती है.