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अब नहीं चलेगी अफसरों की मनमानी : शिकायत नहीं सुनी तो लगेगा जुर्माना, कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 31 Mar 2023 09:53:11 AM IST

अब नहीं चलेगी अफसरों की मनमानी : शिकायत नहीं सुनी तो लगेगा जुर्माना, कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी

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PATNA : बिहार में अब अफसरों की मनमानी नहीं चलने वाली है। अब उन्हें लोगों शिकायतें नहीं सुनना काफी महंगा पड़ने वाला है। इसको लेकर बिहार सरकार काफी अलर्ट हो गई है और लोगों की शिकायत नहीं सुनने वाले अफसरों पर जुर्माना के साथ-साथ अनुशासनिक कार्रवाई भी जाएगी। हालांकि, अभी भी कई लोगों को अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है। 


दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग के तरफ से एक पत्र जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि, राज्य के कोई भी अफसर यदि जनता की शिकायतों को सुनने में आनाकानी करते हैं तो उनके ऊपर जुर्माना के साथ ही साथ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस पत्र के जरिए यह आकड़ा भी बताया गया है की अबतक लोगों की शिकायत न सुनने के मामले में अब तक सरकार के तरफ से 1144 अफसरों पर जुर्माना लगाया है। इन अफसरों से करीब 24.46 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए हैं। 


इतना ही नहीं, शिकायतों का निपटारा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी की गई है। इस आकड़ें के मुताबिक अबतक 812 लोकसेवकों  पर अनुशासनिक कार्रवाई की जा चुकी है। इसके साथ ही लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत आए मामलों में अधिकारियों के परफार्मेंस का स्तर क्या है, इसकी मॉनिटरिंग एमआईएस रिपोर्टिंग के माध्यम से की जा रही है। इस सिस्टम को और अपग्रेड किया जा रहा है। 


इसके आलावा  अनुपस्थित रहने को अपनी आदत मे शुमार कर चुके अफसरों का डाटा निकाला जा रहा है। इसके बाद इनके ऊपर भी सरकार एक्शन ले सकती है। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारी पर किस तरह की कार्रवाई हुई या नहीं, इसकी भी मॉनिटरिंग की जाती है। सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष के जनवरी के आखिरी हफ्ते तक 12 लाख 98 हजार 285 लोक शिकायत से जुड़े आवेदन पूरे बिहार में आए। इनमें से 12 लाख 63 हजार 304 आवेदनों को निष्पादन किया गया।


आपको बताते चलें कि,  साल 2015 में बिहार विधानमंडल द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम को पारित किया गया था। इसे 5 जून, 2016 को इसे लागू कर दिया गया था। इसके तहत 44 विभागों की 514 से अधिक योजनाएं शामिल हैं। आम तौर पर वैसे सभी विषयों को इसमें शामिल किया गया है, जो जनसाधारण से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।