Bihar News: चुनाव से पहले बड़ी सौगात: यह बाइपास हुआ शुरु; अब आरा-पटना और नेपाल जाना हुआ आसान Bihar Weather: बिहार में इस बार सर्दी तोड़ेगी कई वर्षों का रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने लोगों को किया सावधान Bihar Election 2025: पहले चरण के लिए इतने जिलों में ईवीएम-वीवीपैट का रैंडमाइजेशन पूरा, दूसरे चरण की तारीख तय, जानें पूरी डिटेल 'क्या झूठ बोलकर बॉस से छुट्टी लेना पाप है?' इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा ही रोचक जवाब BHOJPUR: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ने रचा इतिहास, 124 छात्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) पद पर चयन राघोपुर की जनता से प्रशांत किशोर ने कह दी बड़ी बात, बोले..हम यहां से चुनाव लड़ें या न लड़ें, कल से आपके जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाएगा Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 11 Jul 2024 06:24:02 PM IST
- फ़ोटो
EAST CHAMPARAN: अमेरिका में पाए जाने वाली दुर्लभ मछली के बिहार में मिलने से इलाके के लोग हैरान है। यह चर्चा शुरू हो गयी है कि यह मछली यहां कैसे आ गई? दरअसल पूर्वी चंपारण के सिकरहना नदी में अमेरिका में पाए जाने वाले दुर्लभ सकरमाउथ कैटफिश मिलने से मछुआरों में हड़कंप मच गया।
विशेषज्ञों ने बताया कि यह एक शिकारी मछली सकरमाउथ कैटफिश है जो अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है। माना यह जा रहा है कि सकर माउथ कैटफिश से सिकरहना नदी के लिए बहुत बड़ा खतरा है। नदी के सामने एक नया संकट बनकर मछली के रूप में आया है। जो यहां हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है।
वही इस मछली का सिकरहना नदी में मिलना शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है। बताया जाता है कि सुगौली के कैथवलिया गांव के पास सिकरहना नदी में मछली का शिकार करने गए मछुआरों ने जब जाल में मछली को देखा तो उनके तो होश उड़ गए। यह मछली मांसाहार मछली है यदि इस प्रजाति पर कब्ज़ा हो गया तो मछली भंडार में गिरावट आएगी और मछुआरों पर संकट के बादल छा जाएँगे।