Bihar Crime News: माँ-बेटी की हत्या से दहला रोहतास, जांच में जुटी पुलिस Bihar Teacher: 61 शिक्षकों को ACS सिद्धार्थ ने किया सम्मानित, शिक्षा विभाग के इस पैमाने पर खड़े उतरने का मिला इनाम PM Modi: प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी देने वाला भागलपुर से गिरफ्तार, जांच के बाद सामने आई हैरान करने वाली बातें Bihar Weather: 32 जिलों में आंधी-बिजली का कहर, भारी बारिश को लेकर भी अलर्ट IPL 2025: पंजाब को रौंद फाइनल में RCB, 8 वर्ष के बाद किया यह कारनामा Life Style: आप भी रखते हैं फ्रिज में अनार, तो हो जाएं सावधान; भारी पड़ सकती है यह गलती Pahalgam Attack: पाकिस्तान में दिखा पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, आतंकी हाफिज सईद का बेटा भी था साथ Pahalgam Attack: पाकिस्तान में दिखा पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, आतंकी हाफिज सईद का बेटा भी था साथ Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहा है विश्वस्तरीय बस टर्मिनल, टेंडर की प्रक्रिया शुरू Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, शादी से लौटने के दौरान ट्रक ने ऑटो में मारी जोरदार टक्कर
1st Bihar Published by: Updated Tue, 14 Jun 2022 11:13:46 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: देश के इतिहास को फिर से लिखे जाने की चर्चा तेज हो गई है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से इसपर टिप्पणी किए जाने के बाद यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है। हालांकि बीजेपी की सहयोगी दल जेडीयू ने इसपर अपना रूख साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इतिहास को फिर से लिखे जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
दरअसल, बीते दिनों केन्द्रीय गृह मंत्री अमित साह ने एक बयान देते हुए कहा था कि अब इतिहास को फिर से लिखने का समय आ गया है। अमित शाह ने कहा था कि इतिहास की मौजूदा किताबों में इतिहासकारों ने सिर्फ मुगलों का महिमामंडन किया है। जबकि इतिहास के पन्नों में अन्य शासकों की वीरता का जिक्र ही नहीं है।उन्होंने कहा था कि उस समय के कुछ लोगों ने इतिहास को विकृत कर दिया था जिसे सही करने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री की इन बातों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इतिहास को फिर से लिखने की क्या जरूरत है। इतिहास जो है, वह है। उसे कोई कैसे बदल सकता है। मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा कि मेरी समझ में यह बात नहीं आ रही है कि कोई मौलिक इतिहास को कैसे बदल सकता है। भाषा का मामला अलग है, लेकिन इतिहास तो इतिहास है।
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद एक बार फिर बिहार में सियासत तेज हो गई है। इतिहास के पुनर्लेखन के मुद्दे पर दोनों सत्ताधारी दलों की राय अलग है। ऐसे में इस मुद्दे को लेकर आने वाले दिनों में बीजेपी और जेडीयू के बीच तल्खी बढ़ सकती है। इससे पहले भी कई मुद्दों पर दोनों दलों के अलग-अलग रूख सामने आ चुके हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर बिहार की राजनीत गर्माने वाली है।