मुंगेर में चुनाव से पहले 1.72 किलो चांदी जब्त, फ्लाइंग स्क्वॉड टीम की बड़ी कार्रवाई मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 27 Feb 2024 10:27:39 AM IST
- फ़ोटो
बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले आनंद मोहन सिंह को तुरंत अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा गया था। इसके साथ ही कहा गया कि स्थानीय पुलिस थाने में हर 15 दिन पर रिपोर्ट करें। उनके खिलाफ पूर्व आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी ने याचिका दायर की हैं और आज एक बार फिर से इस याचिका पर सुनवाई होनी है।
दरअसल, पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की पत्नी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है जिसपर लगातार सुनवाई जारी है। इस मामले में पिछली सुनवाई 6 फरवरी को की गयी थी। जिसमें आनंद मोहन को अपना पासपोर्ट जमा करने और हर 15 दिन में थाने में हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा था और अब मंगलवार को इस मामले में अदालत विस्तृत सुनवाई करेगा।
इससे पहले इस मामले में न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि प्रतिवादी नंबर 4 (आनंद मोहन सिंह) को अपना पासपोर्ट स्थानीय पुलिस स्टेशन में जमा करने का निर्देश दिया जाता है और वो हर पखवाड़े उस पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। पीठ में न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भी शामिल थे। पीठ ने ये कहते हुए कि वो आगे कोई अवसर नहीं देगी, केंद्र सरकार से कहा कि अगर जरूरी हो तो एक सप्ताह के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करें।
मालूम हो कि, बिहार के गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की साल 1994 में हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप बाहुबली नेता आनंद मोहन पर लगा था। जब ये मामला कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने आनंद मोहन को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में पटना हाईकोर्ट ने इस फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
उधर, साल 2023 के अप्रैल महीने में बिहार सरकार ने आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला किया। सरकार ने 14 साल जेल में बिताने को आधार मानकर आनंद मोहन को रिहा कर दिया था. जिसका दिवंगत आईपीएस जी कृष्णैया के परिवार ने विरोध किया है।