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1st Bihar Published by: Updated Sat, 27 Jun 2020 06:04:12 PM IST
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DESK : कोरोना महामारी के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का दौर बना हुआ है. इस वजह से पीली धातु की चमक और बढ़ने की संभावन है. बुधवार को सोने का भाव 48,589 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. सोने में बढती तेज़ी की वजह से गोल्ड म्यूचुअल फंडों ने पिछले एक साल में 40.39% का रिटर्न दिया है. एसेट के रूप में देखा जाये तो गोल्ड सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वीपी (कमोडिटी रिसर्च) नवनीत दमानी ने बताया कि ''आईएमएफ ने 2020 में वैश्विक जीडीपी को लेकर अपना अनुमान और घटा दिया है. उसे लगता है कि महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होने वाला है. यही वजह है कि सोना चढ़ रहा है.''
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड कमोडिटीज और फंड मैनेजर विक्रम धवन का कहना है कि पिछले एक दशक में सोने के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए मौजूदा स्तर पर भी सोने में निवेश की गुंजाइश दिखती है. ऐसा इसलिए क्योंकि गोल्ड ने पिछले एक दशक में बहुत कम गिरावट देखी है.
भारत में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में सोना ने पहले भी अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. बाजार से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो कि आने वाले दिनों में सोने में थोड़ा उतार-चढ़ाव दिख सकता है. तीन दिन पहले सोना साढ़े सात साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद बिकवाली के कारण कुछ गिरा है. ऐसे में निवेशक इस कीमती धातु को बेच रहे हैं. ये स्थिति इसलिए भी है क्योंकि कोरोना काल में लोग नगदी के लिए इसे अपना रहे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना महामारी खत्म होने और अमेरिकी चुनावों को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है जिस वजह से सोने का ये हाल है. म्यूचुअल फंड मैनेजर्स छोटे निवेशकों को इस समय खास सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि '2013 में सोना 35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था. तब निवेश करने वाले निवेशकों को लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिला था. 2001 में सोना जब सबसे निचले स्तर पर था उस वक्त टीके रहने वाले निवेशकों को 240% रिटर्न मिला था, वहीं 2008 में इसने 170% रिटर्न दिया था. अगर आपके पास भी गोल्ड फंड्स है तो सिप के जरिए निवेश करते रहें. पर इस बात का भी ख्याल रखें की सारी नगदी बार में और एक जगह न निवेश करें.