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जातीय गणना की रिपोर्ट को ट्रांसजेंडर ने बताया फर्जी, रेशमा बोलीं..हमारे साथ अन्याय कर रही सरकार, इस रिपोर्ट को हम नहीं मानते

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 02 Oct 2023 07:31:31 PM IST

 जातीय गणना की रिपोर्ट को ट्रांसजेंडर ने बताया फर्जी, रेशमा बोलीं..हमारे साथ अन्याय कर रही सरकार, इस रिपोर्ट को हम नहीं मानते

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PATNA: महात्मा गांधी की जयंती पर आज बिहार में जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये गये। लेकिन इसके आंकड़े पर अब सवाल उठने लगे हैं। यह सवाल ट्रांसजेंडर समाज की ओर से उठाये जा रहे हैं। बिहार सरकार की इस रिपोर्ट से बिहार के ट्रांसजेंडर नाराज हैं। उनकी नाराजगी इसलिए है कि रिपोर्ट में उनकी संख्या 825 बतायी गयी है जबकि हकीकत कुछ और ही है। रेशमा प्रसाद ने कहा कि यह रिपोर्ट फर्जी है। सरकार ट्रांसजेंडर के साथ न्याय नहीं करना चाहती। जातीय गणना के वक्त ट्रांसजेंडर को आईडेंटिफाई नहीं किया गया। रेशमा प्रसाद ने तो यहां तक कह दिया कि उनकी खुद की गणना नहीं हुई है। ना कोई घर पर आंकड़ा लेने पहुंचा और ना ही किसी ने जाति पूछी...



एक तरफ जहां जातीय गणना की रिपोर्ट को जारी कर नीतीश सरकार अपना पीठ थपथपा रही है वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय गणना के आंकड़ों को फर्जी बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट में कई खामियां है ऐसा लगता है कि सरकार ने हड़बड़ी में जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए। वही ट्रांसजेंडर समुदाय से आने वाली रेशमा प्रसाद ने भी इसे फर्जी करार दिया है। रेशमा प्रसाद का कहना है कि ट्रांसजेंडर के बारे में या तो सरकार को कोई जानकारी नहीं है या फिर ट्रांसजेंडर के साथ अन्याय करना चाहते हैं। 


जबकि समाजवाद की बात करने वालों को समाज के हर एक वंचित व्यक्तियों के बारे में सोचना चाहिए था। रेशमा प्रसाद ने कहा कि अभी तक हमने जो देखा है कि जहां पर समाजवादी सरकारें हैं वहां उन्होंने कभी इस समाज के साथ में अन्याय नहीं किया है। बिहार सरकार ने जो जातीय गणना रिपोर्ट जारी किया है उसमें क्रमांक संख्या 22 में किन्नर/ कोथी/ हिजड़ा/ट्रांसजेन्डर (थर्ड जेन्डर) की आबादी 825 लिखा हुआ है और इस समाज का प्रतिशत 0.0006% दिखाया गया है। जिसे ट्रांसजेन्डर गलत बता रहे हैं उनका कहना है कि बिहार सरकार का यह रिपोर्ट फर्जी है। इसे हमलोग नहीं मानते हैं। 


ट्रांसजेन्डर समाज से आने वाली रेशमा प्रसाद ने आंकड़ों का जवाब आंकड़ों से दिया है। कहा है कि बिहार सरकार की रिपोर्ट में बिहार में हमारी संख्या 825 बताया गया है जबकि 2011 में हुई जनगणना में हमारी संख्या 42 हजार थी। रेशमा प्रसाद ने कहा कि हमारे समुदाय की जनसंख्या देखनी है तो पटना जंक्शन, ट्रेन, टोल प्लाजा में जाकर देख लीजिए। हमारी संख्या कितनी है यह मालूम हो जाएगा। अकेले पटना में 3 हजार से ज्यादा की संख्या में ट्रांसजेंडर है। रेशमा ने कहा कि मेरे साथ मेरी खुद की गणना नहीं हुई है। इसे लेकर मैंने खुद पटना हाईकोर्ट में पिटीशन डाल रखी है। सुप्रीम कोर्ट में भी हमारी पिटीशन चल रही है। उसके बाद भी जो स्थितियां है वो अब सामने है। निश्चित तौर पर ट्रांसजेंडर समाज के साथ बहुत अन्याय हुआ है। 


रेशमा ने कहा कि जैसा कि सबको पता है कि ट्रांसजेंडर के आशीर्वाद से लोगों के जीवन में कुछ अच्छा होता है लेकिन जब इनके साथ गलत होगा तो वो आशीर्वाद की जगह श्राप ही ना देगी। क्योंकि उनकी जिन्दगी को खराब किया जा रहा है। उनके साथ अन्याय हो रहा है। रेशमा ने कहा कि ट्रांसजेडरों के साथ इस तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी बड़े ऑर्गेनाइजेशन से बिहार में सर्वे करवा लिया जाए। या फिर जिनके डाटा पर सरकार ज्यादा विश्वास करती हैं। उनसे आंकड़े लेकर देख सकते हैं उससे यह पता चल जाएगा कि आपने ट्रांसजेंडर के साथ किस तरह का न्याय किया है।