Bihar election: मंच टूटने की घटना: मोकामा में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह धड़ाम से गिरे, जनसभा में अफरा-तफरी बिहार चुनाव से राहुल गांधी ने क्यों बनाई दूरी? कांग्रेस के कैंडिडेट भी हो रहे हैरान; जानिए क्या है वजह राजधानी पटना के इन घाटों पर आप भी दे सकते हैं अर्घ्य, जानिए क्या है तैयारी और घाट जाने का रास्ता Bihar News: इतने लाख प्रवासी नहीं देंगे बिहार विधानसभा चुनाव में वोट, जानें क्या है वजह? Crime News: छठ पूजा मनाने बिहार गया था परिवार, इधर घर में हो गई ₹लाखों की चोरी Bihar News: नहाय खाय के दिन बिहार के अलग-अलग जिलों में 11 की मौत, स्थानीय लोगों में शोक की लहर Patna News: पटना में 2 दिन तक यह सड़कें बंद, जानें लें अब किस मार्ग से होकर गुजरेंगी गाड़ियां; जानिए Bihar Election 2025: दांव पर नीतीश के मंत्रियों की साख,पार होगी नैया या तेजस्वी के योद्धा मार लेंगे मैदान; जानिए क्या है समीकरण Bihar News: छठ घाटों पर कार्बाइड गन और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध, जारी हुआ सख्त निर्देश; नहीं मानने पर होगी कार्रवाई Bihar Weather: छठ पूजा के दौरान बिहार में तेज बारिश, चक्रवाती तूफान बढ़ाएगा लोगों की मुश्किलें
1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Tue, 16 Apr 2024 07:57:08 PM IST
- फ़ोटो
BEGUSARAI : बेगूसराय कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार पांडेय ने आज बछड़ा चोरी के एक मामले की सुनवाई की। बरौनी थानाक्षेत्र के सिमरिया निवासी आरोपी केदारनाथ भास्कर को साक्ष्य के अभाव में निर्दोष साबित करते हुए बाइज्जत बरी कर दिया। आरोपित पर आरोप था कि उसने 27 मार्च, 1992 को सूचक संजय कुमार पांडेय का बछड़ा चोरी कर लिया था। आज 32 साल बाद अदालत द्वारा केदारनाथ भास्कर को निर्दोष बताते हुए बछड़ा चोरी के आरोप से मुक्त कर दिया है। बता दें कि वर्ष 1992 से केदारनाथ कभी जेल तो कभी अदालत की परिक्रमा कर रहे थे।
बछड़ा चोरी के इस मामले में बीते 32 साल तक आरोपी को कई बार जेल भी जाना पड़ा। लेकिन इन 32 वर्षों में अभियोजन पक्ष की ओर से एक भी गवाह की गवाही नहीं कराई गई। कोर्ट ने अपने जजमेंट में अभियोजन पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पिछले 32 साल से कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद करने पर सख्त टिप्पणी भी की। आमलोगों को समय पर न्याय मिले और कोर्ट का समय बर्बाद न हो, इसके लिए कोर्ट ने जजमेंट की कॉपी बेगूसराय के डीएम, एसपी और बिहार के डीजीपी समेत राज्य सरकार के अभियोजन विभाग को भी भेज दी है।
बता दें कि जिला न्यायालय में बहुत सारे पुराने मामले जो पिछले 30 से 40 साल से भी अधिक समय से कोर्ट में लंबित हैं और उन मुकदमो के मूल रिकॉर्ड में न तो एफआईआर सही है और न ही चार्जशीट ही सही है। बहुत सारे मामलों में तो केस डायरी तक उपलब्ध नहीं है। जिससे केस दशकों तक लंबित रह जाता है। कोर्ट ने केस डायरी, एफआईआर, चार्जशीट या केस डायरी की दूसरी काॅपी के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय को लगातार पत्र लिखा जाता है। लेकिन वहां से न तो कोई जवाब आता है और न ही दस्तावेज ही उपलब्ध कराए जाते हैं। जिस कारण मामले दशकों तक लंबित रह जाते हैं। इस लापरवाही का ही नतीजा है यह बछड़ा चोरी के मामले के आरोपी को आज 32 साल के बाद कोर्ट से रिहा किया गया है।