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बड़ा फ़ैसला लेंगे नीतीश: JDU विधायकों को पटना में ही कैंप करने का निर्देश दिया

1st Bihar Published by: Updated Mon, 23 May 2022 01:18:05 PM IST

बड़ा फ़ैसला लेंगे नीतीश: JDU विधायकों को पटना में ही कैंप करने का निर्देश दिया

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PATNA : क्या बिहार में कोई बड़ा सियासी उलटफेर होने जा रहा है. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की गतिविधियों से तो ऐसा ही संकेत मिल रहा है. नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के तमाम विधायकों को फ़िलहाल पटना में ही कैंप करने का फ़रमान जारी कर दिया है. जेडीयू सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ सभी विधायकों को अगले 72 घंटे तक पटना से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है. 


सियासी उलटफेर की तैयारी 


पिछले कई दिनों से बिहार में जो कुछ हो रहा है उससे सियासी उलटफेर के संकेत मिल ही रहे थे कि नीतीश कुमार का ये नया फ़रमान सामने आया है. बिहार में अभी शादी ब्याह का समय चल रहा है. ऐसे में ज़्यादातर विधायक अपने क्षेत्र में शादी ब्याह में शामिल होने के लिए दमे होते हैं. लेकिन जेडीयू के तमाम विधायकों को क्षेत्र छोड़कर पटना आने को कहा गया फिर पटना में ही जमे रहने को कहा गया है. जेडीयू के एक विधायक ने ऑफ द रिकार्ड पार्टी के फ़रमान की पुष्टि की है साथ में ये भी कहा कि पार्टी ने ये भी निर्देश दिया है कि ये बात बाहर नहीं जानी चाहिये. चर्चा ये भी है कि नीतीश कुमार 25 मई को जेडीयू के विधायकों की बैठक करने जा रहे हैं. हालाँकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. 


जातीय जनगणना का सियासी खेल शुरू


बिहार में सियासी फेरबदल का संकेत सरकार की गतिविधियों से भी मिल रहा है. सरकार ने जातीय जनगणना पर 27 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फ़ैसला  लिया है. नीतीश के ख़ास सलाहकार मंत्री विजय चौधरी ने सर्वदलीय बैठक को लेकर सभी पार्टियों से बात करना शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार ने आज मीडिया से कहा कि जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक के लिए सभी पार्टियों से बात की जा रही है. अगर सबकी सहमति हुई तो 27 मई को बैठक हो सकती है. सियासी जानकार नीतीश के इस कदम को भी राजनीतिक उलटफेर का संकेत बता रहे हैं. 

दरअसल बीजेपी ने पहले ही साफ़ कर रखा है कि वह जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. केंद्र की भाजपा सरकार जाति के आधार पर जनगणना को संविधान के ख़िलाफ़ बता चुकी है और जातीय जनगणना की माँग तो ठुकरा चुकी है. उसके बाद बिहार भाजपा के कई नेता ये बयान दे चुके हैं कि जाति के आधार पर जनगणना कराना असंवैधानिक है. लेकिन फिर भी नीतीश कुमार ने बिहार में जाति के आधार पर जनगणना कराने के लिए काम शुरू कर दिया है. नीतीश ने आज मीडिया से बात के दौरान कहा कि वे पहले सर्वदलीय बैठक करेंगे और फिर कैबिनेट से फ़ैसला करा कर बिहार में हर जाति के लोगों की गिनती शुरू करायेंगे.


जातीय जनगणना बनेगा पाला बदल का आधार 


सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार जातिगत जनगणना को पलटी मारने का आधार बना सकते हैं. वे बीजेपी पर जातीय जनगणना का विरोध करने का आरोप लगाते हुए राजद के साथ नया गठजोड़ बना सकते हैं. नीतीश की बातों से रविवार को भी ऐसा कुछ संकेत मिला था. 2017 में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर लालू-तेजस्वी और राजद से संबंध तोड़ने वाले नीतीश ने लालू के ठिकानों पर सीबीआई छापे पर अलग ही तेवर दिखाया. उन्होंने मीडिया से कहा कि वे सीबीआई की रेड के बारे में कुछ नहीं जानते. जो रेड  किया है वही बतायेगा कि क्या मामला है. दिलचस्प बात ये है कि सीबीआई ने जिस आरोप में लालू यादव और उनके परिजनों के ठिकानों पर रेड किया था वे आरोप सबसे पहले जेडीयू नेताओं ने ही लगाये थे. जेडीयू के मौजूदा अध्यक्ष ललन सिंह, तत्कालीन अध्यक्ष शरद यादव समेत पार्टी के कई नेताओं ने 2008 में प्रधानमंत्री को ज्ञापन देकर आरोप लगाया था कि लालू यादव ज़मीन लिखबा कर रेलवे की नौकरी दे रहे है. अब नीतीश इस आरोप से ही अनभिज्ञता जता रहे है. ज़ाहिर है भ्रष्टाचार को लेकर उनका पैमाना बदला है. ऐसे में जातीय जनगणना उन्हें पाला बदलने का मौक़ा दे सकता है. 


तेजस्वी के लौटने का इंतज़ार

चर्चा ये भी है कि तेजस्वी यादव के पटना लौटने का इंतज़ार किया जा रहा है. तेजस्वी अभी लंदन में हैं और दो दोनों में उनके पटना पहुँचने की उम्मीद है. उसे बाद नीतीश बड़ा फ़ैसला ले सकते हैं. बता दें कि इफ़्तार पार्टी से बहाने नीतीश कुमार दो दफे तेजस्वी से मिल चुके हैँ. वहीं,जातीय जनगणना के बहाने तेजस्वी नीतीश कुमार के घर जाकर उनसे साथ बंद कमरे में गुफ़्तगू कर चुके  हैं. सवाल ये है कि क्या नीतीश वाक़ई कोई निर्णायक फ़ैसला लेने जा रहे हैं.