शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: PANKAJ KUMAR Updated Sun, 08 Dec 2019 01:55:21 PM IST
- फ़ोटो
GAYA: बिहार में ठंड ने दस्तक दे दी है खासकर गया में ठंड का अहसास कुछ ज्यादा ही है। ठंड बढ़ने के साथ ही लोग तो लोग भगवान ने भी स्वेटर पहन लिया है। और इतना ही नहीं शाम होते ही कंबल वह कंबल भी ओढ़ लेते हैं।
गया के गौड़िया मठ में भगवान की सभी मूर्तियों को स्वेटर तथा ऊनी टोपी पहना दिया गया है। राधे कृष्ण,जगन्नाथ और सुभद्रा की स्थापित प्रतिमाओं को ऊनी वस्त्र और सर पर ऊनी टोपी पहनाई गयी है।
श्रद्धा ,आस्था और भक्ति के साथ भक्त और भगवान का अटूट प्रेम रहा है यही कारण है कि ऐसी भक्ति गया के जीबी रोड स्थित गौड़िया मठ मंदिर में दिखने को मिलती है।यहां के पुजारी बताते है कि ऐसी परम्परा सालों-साल से चली आ रही है। यहां गर्मी के दिनों में भगवान को एसी की हवा खिलायी जाती है। तो जाड़े के दिनों स्वेटर पहनाया जाता है और शाम होते ही कंबल भी ओढ़ाया जाता है। गौड़िया मठ में माघ शीर्ष शुक्ल पक्ष षष्टी से भगवान को गर्म पानी से अभिषेक तथा गर्म पानी का भोग चढाया जा रहा है।
यहां के मुख्य पुजारी उत्तम श्लोक दास जी महाराज ने बताया कि इन ऊनी वस्त्रों को विशेष रूप से कोलकाता से मंगाया जाता है। और इन वस्त्रों का निर्माण भी गौड़िया सम्प्रदाय के लोग ही करते हैं। उन्होनें बताया कि जिस प्रकार मानव को गर्मी में गर्म और ठंडक में ठंड की अनुभूति होती है उसी प्रकार भगवान को ठंड और गर्मी का अहसास होता है। इसलिए जाड़े के दिनों में दिन में भगवान सिर्फ टोपी पहनते है और सूर्य ढलते ही टोपी,दास्ताने और कम्बल से ओढ़ाया जाता है।वहीं गौड़िया मठ के दीवारों पर लगी विभिन्न सन्तों के फोटो को भी कपड़े से ढक दिया जाता है।