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1st Bihar Published by: Tahsin Updated Tue, 11 Aug 2020 02:07:37 PM IST
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PURNIYA : "उठ बेटा.. उठ चिंटू.. एक बार तो उठ.. बेटा एक बार तो मुझे मां कह कर बुला.. तुम्हें कुछ नहीं हुआ है.. तुम उठेगा.. मेरे बेटे को मेरे पास छोड़ दो.. चिंटू उठकर सबको दिखा दो तुम्हें कुछ नहीं हुआ है.."
ये दिल को झकझोर देने वाली बातें एक मां की है, जिन्होंन अपने बेटे को खो दिया. बेटे का शव देखते ही मां के चित्कार से वहां मौजूद लोगों की आंखें भी बहने लगी. इंजीनिय अंकित पिछले 4 सालों से ओरेकल फाइनेंस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे. इसी साल फरवरी में वे अमेरिका के वाशिंगटन डीसी स्थित कंपनी के ऑफिस में काम कर रहे थे. जहां उन्होंने सुसाइड कर लिया.
अंकित के पिता का कहना है कि कोरोना संकट के इस काल में लॉकडाउन के दौरान बिगड़ते हालत को देखते हुए कंपनी अंकित को प्रताड़ीत करने लगी. कंपनी ने इतना प्रताड़ित किया कि उसने आत्महत्या कर ली. उसका कंप्यूटर हैक कर लिया गया , लॉक कर दिया गया, मोबाइल तक ले लिया गया. इंडिया आने के लिए मना कर दिया गया, डराया गया, धमकाया गया, इतना हताश कर दिया कि उसे खुदकुशी करने पर मजबूर कर दिया गया. अपने बेटे की लाश देखते हुए पूर्णिया चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष पिता पवन कुमार अग्रवाल बस यही कह रहे हैं कि बेटा को विदेश नहीं जाने देते तो ही अच्छा होता.