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1st Bihar Published by: Updated Mon, 03 Oct 2022 09:02:42 PM IST
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GAYA: बिहार के बोधगया में नवरात्र के मौके पर बड़ी माई के मंदिर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. बड़ी माई सिंगापुर वाली माता है. स्थानीय लोग मानते हैं कि बडी माई के शरीर में काली माता आती हैं. महाष्टमी को बडी माई के काली मंदिर में भारी भीड उमड़ी. वहां पहुंचे हजारों लोग की एक ही ख्वाहिश थी कि उन्हें बड़ी माई का आशीर्वाद मिल जाये.
स्थानीय लोगों के मुताबिक नवरात्र की महाष्टमी के दिन काली माता बडी माई के शरीर में आती हैं. इस दिन जिसने उनका आशीर्वाद ले लिया, उसे काली मां का आशीर्वाद मिल जाता है. लिहाजा गया के दूर-दराज के इलाके से लोग बड़ी माई का आशीर्वाद लेने उनके मंदिर में पहुंचे.
बौद्ध धर्म का ज्ञान लेने पहुंची थी, मां की भक्त बन गयी
स्थानीय लोग बताते हैं कि करीब 20 साल पहले 2003 में बड़ी माई सिंगापुर से बोधगया आयीं थी. वह ज्ञान की खोज में बुद्ध की धरती पहुंची थी लेकिन यहां आकर शक्ति की उपासक बन गयी. स्थानीय लोग कहते हैं कि बडी माई जब बोधगया आयीं तो उन्हें सपने में मां काली ने दर्शन दिया. तब से वह माता काली की उपासक बन गयीं. उसके बाद से उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया. अब वह अपने लाखों रूपये खर्च कर बोधगया में काली माता का मंदिर बनवा रही हैं.
अष्टमी को काली माता आती हैं
स्थानीय लोग बताते हैं कि महाष्टमी को बड़ी माई सोलह श्रृंगार कर माता की पूजा कर रही थीं. पूजा समाप्त होते ही अचानक से उनके शरीर में कंपन शुरू हो गया. बड़ी माई ने अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा कर लोगों को आशीर्वाद देना शुरू किया. इसी दौरान वह खुद को संभाल नहीं पायीं और नीचे गिर पड़ीं. वहां मौजूद भक्तों ने उन्हें संभाला औऱ बिठाया. इसके बाद ही उनसे आशीर्वाद लेने वाले भक्तों की भीड़ लग गयी.
नवरात्र में आती हैं बोधगया
स्थानीय लोग बताते हैं कि काली माता की भक्त बनने के बाद बड़ी माई लौट कर वापस सिंगापुर नहीं गयीं. वे 2003 से भारत में रहती हैं. वह ज्यादातर समय बनारस में रहती हैं. लेकिन नवरात्रि के दौरान बोधगया जरूर आती हैं. बोधगया में वह भव्य काली मंदिर बनवा रही हैं. वहीं वह पूरे नवरात्रि पूजा पाठ करती हैं.