Bihar Election 2025: NDA में तो सब तय फिर इस बात का संकेत देने में लगे हैं नेता जी ! कार्यकर्ता के बहाने दिखा रहे खुद का दर्द या सच में दे रहे संदेश; आखिर क्यों हो रहा ऐसा Kantara Chapter 1: ‘कांतारा चैप्टर 1’ ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल, क्या टूटेगा KGF का रिकॉर्ड? जानिए Ahoi Ashtami: अहोई अष्टमी: उपवास, आस्था और ममता से जुड़ा मातृत्व का पावन पर्व मुंगेर में चुनाव से पहले 1.72 किलो चांदी जब्त, फ्लाइंग स्क्वॉड टीम की बड़ी कार्रवाई मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Mar 2023 10:13:34 PM IST
- फ़ोटो
JAMUI: एक ओर सरकार बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करती है लेकिन इन दावों की पोल खोलती एक तस्वीर इस वक्त जमुई से सामने आई है। जहां टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि तस्वीरें बयां कर रही है। जमुई सदर अस्पताल की यह तस्वीर है जो सरकार के इन दावों की पोल खोल रही है।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के मिशन 60 के बाद राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए तमाम दावे किए जा रहे हैं। लगातार यह दावा किया जाता है कि कोरोना लहर के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने में तेजी आई है। लेकिन जमुई जिले से सामने आई तस्वीरों ने सरकार के इन दावों की कलई खोल दी है. जमुई सदर अस्पताल में हालत यह हो गई है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में हो रहा है
कुछ ऐसा ही हाल रविवार को भी देखने को मिला, जब सदर अस्पताल में बिजली नहीं होने के कारण पूरा अस्पताल परिसर अंधेरे में समाया रहा. इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में होता रहा. गौरतलब है कि जमुई जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. जिले के तमाम अस्पतालों से रेफर होकर मरीज गंभीर अवस्था में यही पहुंचते हैं. यहां ऑक्सीजन से लेकर अन्य कई तरह की सुविधाओं का दावा किया जाता है. लेकिन रविवार को जो तस्वीर सामने आई उसने उन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है.
गौरतलब है कि बिहार में मिशन 60 के नाम पर सभी अस्पतालों को चकाचक करने का दावा किया जाता है, अस्पताल में लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाए इसे लेकर अस्पतालों का रंग रोगन किया गया है. परंतु हकीकत यह है कि अस्पतालों के बाहर की हालत तो सुधार दी गई, लेकिन आंतरिक व्यवस्था में कोई सुधार होता दिख नहीं रहा है.
ऐसे में अब मरीजों के होने वाली परेशानियों के लिए कौन जिम्मेदार है, यह बड़ा प्रश्न है. यह भी बता दें कि सदर अस्पताल से लगातार लापरवाही की ऐसी खबरें आती रहती हैं. बीते हफ्ते ऑक्सीजन प्लांट के ठप हो जाने के कारण ऑक्सीजन के अभाव में एक मरीज की मौत होने की बात सामने आई थी और अब अंधेरे में मरीजों के इलाज होने की बात सामने आई है. इन सभी घटनाओं ने जमुई सदर अस्पताल की हकीकत की पोल खोल कर रख दी है.