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1st Bihar Published by: Updated Thu, 07 Oct 2021 12:05:24 PM IST
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PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. नीतीश सरकार ने बिहार के लगभग 46 हजार स्कूलों में प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर की बहाली का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से औपचारिक सहमति लेकर इस संदर्भ में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है. अब इन प्रधान शिक्षकों के नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
आपको बता दें कि बिहार के प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 45 हजार 852 हेडमास्टरों की बीपीएससी से सीधी नियुक्ति होगी. इनमें 40 हजार 518 पद प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की जबकि 5 हजार 334 प्रधानाध्यापक के पद उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों के होंगे.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों के लिए 2006 में 2020-21 की अवधि के लिए वर्ष 1लाख 65 हजार 336 शिक्षक के पद सृजित हैं. इन पदों में से 84 हजार 633 पद संबंधित नियोजन इकाइयों को जिलों के माध्यम से नियुक्ति के लिए आवंटित किये जा चुके हैं. बाकी 80 हजार 703 पद जिलों को अभी आवंटित किया जाना था. इन पदों पर कार्यरत शिक्षकों के भुगतान के लिए राज्य सरकार की तरफ से संबंधित पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था को अनुदान की राशि दी जाती है.
राज्य के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में अभी 40 हजार 518 प्रधान शिक्षकों के पदों के सृजन की जरूरत है. दरअसल, इतने ही प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त थे. इसलिए राज्य सरकार के अधीन 80 हजार 703 पंचायत शिक्षक/नगर शिक्षकों के सृजित पद की आवश्यकतानुसार जिलों को आवंटित किया जायेगा, जिस पर भविष्य में संबंधित नियोजन इकाई की तरफ से नियोजन की कार्यवाही की जा सकेगी.
गौरतलब हो कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता जताई थी तब उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापक का संवर्ग और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन करने की घोषणा की थी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि अबतक ऐसे स्कूलों में सबसे वरीय शिक्षक विद्यालय का संचालन करते थे. प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नए संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही दावेदार होंगे. प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक पद के लिए अर्हता सरकारी स्कूल में 8 साल का शिक्षण तय किया गया है. वहीं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद के लिए अपने मूल कोटि में 8 साल पूरा करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षक जबकि निजी विद्यालयों (सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के स्कूल) में 12 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक योग्य होंगे.