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1st Bihar Published by: PRABHAT SHANKAR Updated Sun, 23 May 2021 12:23:27 PM IST
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MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना टेस्टिंग के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। रैपिड एंटीजन किट की हेराफेरी के मामले में सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियनों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और अब इस मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। जिले में 16000 एंटीजन किटी की एंट्री नहीं होने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक के इन किट्स से जांच की गई थी लेकिन इसकी रिपोर्ट की एंट्री अब तक नहीं की जा सकी है। उधर जिले में लगातार कई लोगों को बिना कोरोना जांच कराए उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने कोरोना की जांच कराई ही नहीं लेकिन सरकार की तरफ से बेवजह उनकी जांच रिपोर्ट भेजी जा रही है। माना जा रहा है कि अब स्वास्थ्य विभाग में कोरोना टेस्ट इन को लेकर हुई इस गड़बड़ी की लीपापोती के लिए ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर पर टेस्ट रिपोर्ट की मैसेज भेजी जा रही है जिन्होंने अब तक कोरोना की जांच ही नहीं कराई। मुजफ्फरपुर के गायघाट इलाके में कई लोगों को मोबाइल फोन पर ऐसे मैसेज मिले हैं जिससे उनका वैक्सीनेशन पूरा होने की बात सामने आई है। लोगों ने वैक्सीन ली नहीं लेकिन टीकाकरण का मैसेज उनके मोबाइल नंबर पर आ गया। इस पूरे प्रकरण को लेकर इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
मुजफ्फरपुर में कोरोना टेस्टिंग को लेकर हुई इससे बड़ी गड़बड़ी के सामने आने के बाद अब लीपापोती का खेल भी शुरू हो गया है। कई डाटा एंट्री ऑपरेटर ने आरोप लगाया है कि उनके ऊपर अधिकारी यह दबाव बना रहे हैं कि एंटीजन किटों की एंट्री वह डेटाबेस में करें। इसे लेकर शनिवार को अस्पताल परिसर में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने खुले तौर पर विरोध भी जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। साल 2020 से लेकर अब तक नेशनल पोर्टल पर मुजफ्फरपुर जिले की रैपिड एंटीजन किट से हुई 90000 जांच रिपोर्ट अपलोड नहीं हुई हैम इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय अधिकारियों से जवाब मांगा है। जिले के सिविल सर्जन का कहना है कि वह इस मामले की जांच कराएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर दिन निर्देश के बावजूद मुजफ्फरपुर में जिस तरह की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है उसके बाद यह आशंका जताई जा रही है कि अन्य जिलों में भी इस तरह का खेल खेला गया हो। जिले में कोरोना सैंपल जांच के नोडल अधिकारी डॉ अमिताभ सिन्हा ने कबूल किया है कि पोर्टल पर तकरीबन 90000 एंटीजन कीट की जांच रिपोर्ट अपलोड नहीं हो सकी है। 16000 रैपिड इंजन किट की एंट्री नहीं होने को लेकर सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने जांच का भरोसा दिया है।
मुजफ्फरपुर जिले के बैंक ऑफ इंडिया के पीयर ब्रांच के मैनेजर केवटसा निवासी प्रदीप कुँवर को 22 मई की रात्रि मोबाइल पर मैसेज आया कि आपसे कोरोना वायरस के जाँच के लिए 20 मई को सैंपल लिया गया था। जिसका आई डी SYS COV BI MZF 20 25322900 दिनांक 20 मई है। एंटिजेन जाँच में वह निगेटिव पाया गया है। मैसेज के बाद बैंक मैनेजर की निंद उड़ गयी। बैंक मैनेजर प्रदीप कुँवर ने बताया कि मैंने 20 मई को कोरोना जाँच के लिए कोई सैंपल नहीं दिया।फिर कोरोना एंटीजेन जाँच की रिपोर्ट कैसे आ गयी कहीं आधार का दुरूउपयोग तो नहीं हो रहा है।वैसे बैंक मैनेजर ने बताया कि 12 अप्रैल को पूरे बैंक कर्मियों के साथ ही मेरा कोरोना एंटिजेन जाँच हुई थी जिसका भी मैसेज तभी का मेरे पास है फिर 20 मई को बिना सैंपल जाँच दिये रिपोर्ट निगेटिव का मैसेज कैसे ?
जिले में लोगों को मैसेज मिलने का यह इकलौता मामला नहीं है। लगातार कई लोगों को इस तरह की जांच रिपोर्ट से जुड़े मैसेजेस आ रहे हैं। हद तो इस बात का है कि अब वैक्सीनेशन के मैसेज भी लोगों को मिलने लगे हैं जबकि असलियत में उन्होंने टीका नहीं लिया है। सरकार अभी भी अगर नहीं चेती तो वाकई बिहार में कोरोना जांच और टीकाकरण के नाम पर किसी बड़े खेल को अंजाम दे दिया जाएगा।