1st Bihar Published by: Vikramjeet Updated Thu, 29 Dec 2022 08:58:15 PM IST
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VAISHALI: बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा सरकार करती है लेकिन बिहार में बदहाल स्वास्थ्य सिस्टम की एक तस्वीर वैशाली के महनार से सामने आयी है। जहां एक व्यक्ति को ईलाज के लिए परिजन ठेले पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। ठेले पर मरीज को अस्पताल लेकर आने की बात तो समझ में आता है लेकिन उसके बाद जो हुआ वह हैरान करने वाला था।
बताया जाता है कि महनार नगर के देशराजपुर वार्ड संख्या 26 निवासी गनेशी पासवान के 32 वर्षीय पुत्र अरुण पासवान की गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन ठेले पर लेकर महनार समुदायिक स्वास्थ्य केद्र पहुंच गये। तब महनार हॉस्पिटल के डॉक्टर हॉस्पिटल के बाहर ही ठेले पर मरीज का इलाज किया और ठेले पर ही मरीज की मौत हो गई। फिर ठेले से ही परिजन अरुण पासवान के शव को लेकर घर चले गए।
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या मरीज को अस्पताल के अंदर नहीं ले जाना चाहिए था? क्या मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन को एम्बुलेंस से शव नहीं भेजना चाहिए था? बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की तस्वीर आए दिन सामने आती है लेकिन ना तो अस्पताल की व्यवस्था सुधर रही है और ना ही अस्पताल कर्मियों और डॉक्टरों का रवैय्या। जबकि सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करती है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव जी देखिये यह तस्वीर वैशाली जिले की है। जहां ठेले पर ही मरीज का इलाज किया गया और इस दौरान मरीज की मौत हो गयी। आखिर कौन हैं इस मौत का जिम्मेदार?




