ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल Bihar News: अब गांव-गांव पहुंचेगी बैंकिंग सेवा, बिहार सरकार खोलेगी 144 नई शाखाएं; होगा रोजगार का श्रृजन

बिहार में लाइसेंसी आर्म्स रखना खेल नहीं है, अफसरशाही के पेंच का मामला सदन में उठा

1st Bihar Published by: Updated Thu, 05 Mar 2020 01:48:26 PM IST

बिहार में लाइसेंसी आर्म्स रखना खेल नहीं है, अफसरशाही के पेंच का मामला सदन में उठा

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में आर्म्स लाइसेंस लेना ना तो आसान है और ना ही लाइसेंसी हथियार को सरकार के पास जमा  कराना. आर्म्स लाइसेंस को लेकर गया जिले से जुड़ा एक मामला आज बिहार विधान परिषद में था. विधान पार्षद केदारनाथ पांडे ने एक ऐसे शख्स की पीड़ा बताई जो अपने पिता की मृत्यु के बाद पिछले 5 साल से हथियार जमा कराने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहा है.


एमएलसी केदारनाथ पांडे ने जिस शख्स के आर्म्स लाइसेंस से जुड़े मामले का जिक्र किया उसके पिता की मौत 2015 में ही हो चुकी है. नियमों के मुताबिक पिता की मौत के बाद बेटे के नाम पर आर्म्स लाइसेंस स्थानांतरित किया जाना चाहिए या फिर लाइसेंसी हथियार को सरकार के पास जमा लेना चाहिए. इस मामले में साल 2015 से ही गया के पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय में आग्रह किया है, लेकिन डीएसपी गया की तरफ से अनुशंसा किए जाने के जिलाधिकारी कार्यालय ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया.


विधान परिषद में यह मामला उठने के बाद सरकार की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि वह इस मामले पर गया के डीएम और एसएसपी से पूरी रिपोर्ट लेंगे. केदारनाथ पांडे बार-बार सदन में करते रहे कि आसपास कार्यालय होने के बावजूद डीएसपी की तरफ से भेजा गया अनुशंसा पत्र डीएम कार्यालय में 5 साल बाद तक आखिर क्यों नहीं पहुंचा. बिहार में आर्मी लाइसेंस को लेकर सरकारी महकमे का जबरदस्त है. विधान परिषद में यह मामला उठने के बाद अन्य विधान पार्षदों ने भी अफसरशाही के पेंच को कम करने की मांग की.