Bihar News: 20.72 करोड़₹ की लागत से सुल्तानगंज में दो बहुमंजिली धर्मशालाओं का निर्माण, देवघर जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ Bihar Crime News: स्कूल कैंपस में नाबालिग की हत्या, हिरासत में लिए गए 4 दोस्त Bodh Gaya temple: बोधगया महाबोधि मंदिर सिर्फ बौद्धों का हो – आठवले, बोले बुद्ध मंदिर में शिवलिंग पूजा सही नही Bihar News: जिस थाने में थे थानेदार.. वहीं दर्ज हुआ FIR, रंगदारी और मारपीट पड़ी भारी Bihar news: हॉस्टल में रॉड-डंडे चले, एमआईटी मुजफ्फरपुर में रैगिंग का खूनी खेल Ashwini Vaishnaw Bihar Visit: पटना से जमालपुर के लिए रवाना हुए रेल मंत्री, कारखाना निरिक्षण के अलावा कई अहम परियोजनाओं की देंगे सौगात Bihar Crime News: पटना के होटल में युवती संग दुष्कर्म, सहकर्मी पर नशीला पदार्थ पिला वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने का भी आरोप Ram Mandir Ayodhya: अंतिम चरण में राम मंदिर निर्माण, शिखर पर चमकेंगे स्वर्ण मंडित कलश! Bihar Bhumi: जमीन से जुड़े ये काम अब होंगे ऑनलाइन, दफ्तर के चक्कर लगाने से हमेशा के लिए छुटकारा Imran Khan Mocks Asim Munir: "जंगल का क़ानून चल रहा, सीधा राजा बना दो" जेल में बंद इमरान खान का मुल्ला मुनीर पर तंज
1st Bihar Published by: Updated Tue, 12 Oct 2021 12:28:49 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : एक सप्ताह पहले बिहार के सरकारी स्कूलों के प्रारंभिक शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई थी. नीतीश सरकार ने 2 लाख 60 हजार नियोजित शिक्षकों को वेतन देने के लिए 784 करोड़ रुपया आवंटित किया और शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया कि 24 घंटे के अंदर शिक्षकों के खाते में वेतन का भुगतान किया जाये. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है. एक सप्ताह का समय बीतने को है लेकिन कई जिलों में पदस्थापित लाखों टीचर आज भी वेतन से वंचित हैं. पैसों की कमी के कारण पर्व-त्यौहार में शिक्षकों घर-परिवार चलाने में काफी दिक्कत हो रही है.
5 अक्टूबर को बिहार के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री की ओर से सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा गया था कि प्रारंभिक शिक्षकों के अगस्त महीने के वेतन भुगतान के लिए 9 अरब 10 करोड़ 69 लाख 58 हजार 464 राशि उपलब्ध करा दी गई है. राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री 24 घंटे के भीतर वेतन भुगतान कर राज्य कार्यालय सूचित करने का आदेश दिया था. लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक शिक्षकों को पैसा नहीं दिया गया है. जिसके कारण शिक्षकों में रोष है.
टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षकों संघ (TSUNSS) गोपगुट के प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि "बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शिक्षकों के खून पसीने की कमाई को तोहफ़ा बताने में ज़रा भी शर्म न आई. चलो उस पर भी 3 महीने के बाद कम से कम एक महीने का भी वेतन दे तो देते लेकिन अबतक वेतन भुगतान नहीं हुआ. बस घोषणा कर दिए. ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग लाज-शर्म सब धो कर पी गया है."
साथ ही साथ आपको बता दें कि राज्य के शिक्षक लंबे समय से वेतन बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं. सरकार ने पिछले साल ही शिक्षकों का वेतन एक अप्रैल से 15% बढ़ाने का आश्वासन इन्हें दिया था. उनके लिए सेवा शर्त भी निर्धारित की गई थी. शिक्षा विभाग के विभागीय संकल्प संख्या 1157 दिनांक 20 सितंबर 2020 द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों के वेतन में एक अप्रैल 2021 से 15 फीसदी वृद्धि करने का निर्णय लिया गया था.
अररिया जिले में वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों का दुर्गा पूजा फीका हो रहा है. बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष सह अररिया जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि इस बार जिले के आठ हजार शिक्षक बिना वेतन के ही दुर्गा पूजा मनाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण समय पर शिक्षकों को कभी वेतन नहीं मिल पाता है. हमेशा तीन चार माह के बाद अगर एक-दो माह का आवंटन भी देती है तो जिला स्तर पर किसी ना किसी कारण से वेतन भुगतान में अनावश्यक विलंब हो जाता है. जिसका खामियाज़ा शिक्षकों को भुगतना पड़ता है. शिक्षक कर्ज लेकर अपने परिवार का परवरिश करने पर मजबूर रहते हैं.
बता दें कि दुर्गा पूजा के मौके पर एक सप्ताह पूर्व जिला को एक माह का आवंटन तो प्राप्त हुआ मगर पदाधिकारी और बैंकर की लापरवाही से दुर्गा पूजा से पहले वेतन भुगतान नहीं हो सका. सरकार और विभाग की लापरवाही से शिक्षक को हमेशा कर्ज लेने पर विवश होना पड़ता है. उन्होंने बताया कि आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षकों को समय-समय पर वेतन भुगतान में विलंब कर सरकार शिक्षकों के जीवन में और गहरा आर्थिक संकट दे देती है. रुक-रुककर वेतन देना सरकार ने परिपाटी सी बना ली है. फिलहाल विगत दो माह से अल्प वेतनभोगी शिक्षक वेतन के लिए तरस रहे हैं. लिहाजा शिक्षकों के समक्ष भयानक आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. शिक्षकों को वेतन के अभाव में घर चलाने में जहां परेशानी हो रही है. वहीं दुर्गा पूजा में बच्चों को कहां से नया कपड़ा दे पायेंगे सोचने वाली बात है.
समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रारम्भिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन के लिए राशि जारी कर दी गई गई।
— Vijay Kumar Choudhary (@VijayKChy) October 6, 2021
जल्द ही यह राशि पंजीकृत शिक्षकों के खातों में वेतन स्वरूप ट्रांसफ़र कर दिया जाएगा।@NitishKumar @Jduonline #JDU @BiharEducation_ pic.twitter.com/TZDzsOId7L
उधर सीवान जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पदस्थपित 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों को राशि आवंटन के पांच दिन बाद भी वेतन भुगतान नहीं हो सका है. जबकि विभाग ने 24 घंटे के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया था. वेतन भुगतान नहीं होेने से शिक्षकों के बीच नाराजगी है. कारण कि पर्व के मौके पर भी वेतन भुगतान नहीं हो सका है.
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ सदर अनुमंडल के उप प्रधान सचिव राकेश कुमार सिंह और पचरूखी के अंचल सचिव जयप्रकाश सिंह ने नियोजित शिक्षकों के वेतन मद में राशि की उपलब्धता के बावजूद प्रभार संबंधी विलंबता की वजह से वेतन नहीं मिलने पर क्षोभ व्यक्त किया है. शिक्षक नेताद्वय ने आगे बताया कि समग्र शिक्षा के डीपीओ के प्रशिक्षण में जाने और प्रभार नहीं देने के कारण राशि की उपलब्धता के कारण वेतन नहीं मिल रहा है. वेतन के अभाव में शिक्षकों की माली हालत बेहद खराब है. दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के समय भी वेतन नहीं मिलना बहुत ही चिंताजनक है.
सासाराम में भी राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ की जिला इकाई की बैठक सोमवार को कार्यालय में हुई, जिसमें शिक्षक प्रतिनिधियों ने दशहरा त्योहार में भी वेतन भुगतान के लंबित रखने पर आक्रोश जताया. बैठक में सर्वसम्मति से एक पारित प्रस्ताव में वेतन लंबित रखने के लिए सरकार की निंदा और शिक्षा विभाग के प्रति आक्रोश जताया गया. शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग अधिकारी गैर लोकतांत्रिक कार्य करने के लिए आदतन लाचार हो गए हैं. इसीलिए जिला में राशि आवंटन के बावजूद शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं किया गया.