Pakistan Nuclear Weapons: अपने परमाणु हथियारों को अपग्रेड करने में जुटा पाकिस्तान, अमेरिकी रिपोर्ट में कई हैरान करने वाले खुलासे Bihar News: कल इस जिले में नौकरियों की बरसात, 1000 पदों पर होगी भर्ती, 10वीं पास होना अनिवार्य Bihar Corona Returns: राज्य में कोरोना की दस्तक, पटना में मिले 2 पॉजिटिव मरीज Bihar Weather: आज ज्यादातर जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट, IMD की विशेष चेतावनी जारी BIHAR: अरवल से लूटी गई स्कॉर्पियो नालंदा से बरामद, दो महीने बाद मामले का हुआ उद्भेदन बगहा में नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप, चारों बहसी दरिंदों को पुलिस ने दबोचा SAHARSA: पुलिस की तत्परता से टली बड़ी घटना, कार्बाइन के साथ बाईक सवार गिरफ्तार Bihar Crime News: क्रिकेट खेलने के बहाने बुलाया और चाकू से गोद डाला, बीच सड़क पर चाकूबाजी की घटना से हड़कंप Bihar Crime News: क्रिकेट खेलने के बहाने बुलाया और चाकू से गोद डाला, बीच सड़क पर चाकूबाजी की घटना से हड़कंप Bihar Crime News: जीतन राम मांझी की पार्टी के नेता का अपहरण, बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर घर से उठाया
1st Bihar Published by: Updated Tue, 10 May 2022 07:45:37 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर। राज्य के 4 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर नीतीश सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। राज्यकर्मियों की सेवा संहिता यानी सर्विस कोड में बदलाव करने की तैयारी है। अब विधानमंडल से लेकर हाईकोर्ट और स्थानीय निकाय के कर्मी इसके दायरे में आएंगे। राज्य सरकार ने बिहार सेवा संहिता की समीक्षा के बाद इसमें बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से वित्त विभाग के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है।
सेवा संहिता में बदलाव को लेकर जिन बिंदुओं पर काम किया जाना है उनमें नियुक्ति के बाद कर्मचारियों के काम करने के तरीके, उनके अवकाश, उन्हें मिलने वाले दंड की शर्तें और साथ ही साथ स्थानांतरण प्रक्रिया से लेकर वेतन भत्तों का पुनर्गठन भी शामिल है। अब तक विधानमंडल, हाईकोर्ट और स्थानीय निकायों के कर्मियों पर राज्य सरकार की तरफ से सर्विस कोड लागू नहीं होता था लेकिन इसे लागू करने के बाद विधानसभा और विधान परिषद में काम करने वाले कर्मियों के साथ-साथ हाईकोर्ट के स्टाफ के ऊपर भी सरकार की तरफ से तय सर्विस कोड लागू होगा। इतना ही नहीं सरकार और स्थाई पदों या खास समय के लिए पदों पर तैनाती की शर्तों के बारे में भी स्पष्टता लाएगी। किनकी मृत्यु पर कार्यालय को बंद रखा जाए और किस तरह से शोक की व्यवस्था हो इस पर भी सर्विस कोड में बदलाव की संभावना है। इसके अलावा इस्तीफा, इस्तीफा वापसी और बर्खास्तगी की पैमाने को भी नए सिरे से तय किया जा सकता है। आपको बता दें कि बिहार सेवा संहिता साल 1952 में आई थी, इसमें समय समय पर बदलाव भी किए गए और एक बार फिर से इसकी समीक्षा की जा रही है।
बिहार सेवा संहिता में बदलाव की खबर सामने आने के बाद सचिवालय सेवा संघ से जुड़े लोगों ने इसका स्वागत किया है। इनका कहना है कि लंबे समय से सचिवालय सेवा संघ सेवा संहिता में बदलाव की मांग करता रहा है। सेवा संहिता में कोरोना जैसी महामारी को लेकर उल्लेख किए जाने की भी मांग की गई है।