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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Jun 2024 12:44:16 PM IST
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GAYA : बिहार में हर साल-दो साल पर सरकार का चेहरा तो बदल जाता है लेकिन नहीं बदलते हैं तो स्वास्थ्य सेवाओं के हालात। राज्य में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली जस की तस बनी हुई है। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में पहुंचे मरीजों की जान सांसत में पड़ चुकी है। अस्पतालों में मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। गया से एक ऐसा ही नजारा सामने आया है जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को बताने के लिए काफी है।
दरअसल, बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी, तब डिप्टी सीएम के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री रहे तेजस्वी यादव लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दावा करते नहीं थकते थे। लेकिन ऐसा कुछ भी देखने का नहीं मिल रहा है। राज्य में सरकार बदली तो लोगों को लगा कि हालात बदलेंगे लेकिन बदहाली जस की तस बनी हुई है। एनडीए सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने मंगल पांडेय भी इस बदहाली को दूर कर पाने में विफल साबित हो रहे हैं।
गया में मगध प्रमंडल के इकलौते बड़े अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बदहाली का नायाब नजारा देखने को मिला है। यहां एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल के आकस्मिक वार्ड में पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर के बजाय लॉबी सिटिंग चेयर का उपयोग किया जा रहा है। हीट वेव की वजह से अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मरीजों का तांता लगा हुआ है। लेकिन उन्हें वार्ड तक पहुंचाने के लिए अस्पताल में स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं है।
हद तो तब हो गई जब गया के गुरुआ विस क्षेत्र के विधायक विनय कुमार यादव के सामने ही मरीज को वार्ड तक ले जाया जा रहा था। विधायक ने सुशासन की सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि मगध प्रमंडल के इकलौते अस्पताल में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। गया समेत पांच जिलों से मरीज इलाज के लिए एएनएमसीएच पहुंचते हैं लेकिन व्यवस्था के नाम पर यहां कुछ भी उपलब्ध नहीं है। जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
रिपोर्ट- नीतम राज