ब्रेकिंग न्यूज़

क्या यही शराबबंदी है? पेट्रोल के टैंकर से 10 लाख की विदेशी शराब बरामद झारखंड में रेल हादसा: दीवार तोड़ खड़ी ट्रेन से टकराई मालगाड़ी, मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? पटना में गोल इंटरनेशनल स्कूल का भव्य शुभारंभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नए युग की शुरुआत Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट अरवल में DM अभिलाषा शर्मा ने मतगणना केन्द्र का किया निरीक्षण, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का भी लिया जायजा

बिहार : नहीं रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी रामचंद्र खान, प्रशासनिक महकमे में शोक की लहर

1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 Apr 2022 11:25:27 AM IST

बिहार : नहीं रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी रामचंद्र खान, प्रशासनिक महकमे में शोक की लहर

- फ़ोटो

PATNA : पूर्व आईपीएस अधिकारी रामचंद्र खान नहीं रहे। रामचंद्र खान का निधन पटना के एक अस्पताल में हार्ट अटैक से हो गया है। उनके निधन से प्रशासनिक महकमे में शोक की लहर है। पूर्व आईपीएस रामचंद्र खान भारतीय पुलिस सेवा के एक चर्चित अधिकारी थे।


शुक्रवार की देर रात पटना के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। बिहार की प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री डॉक्टर उषा किरण खान रामचंद्र खान की पत्नी हैं। रामचंद्र खान बिहार के सख्त IPS अधिकारी के रूप में जाने जाते थे। रामचंद्र खान करीब 80 वर्ष के थे।


वर्ष 1983-84 के बीच बिहार में हुए 44 लाख के वर्दी घोटाले में उनका नाम आया था। मामले की जांच कर रही सीबीआइ को उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले थे। जिसके बाद उन्हें बरी कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक उनकी कड़क मिजाजी के कारण उस समय के कुछ अधिकारियों ने एक सोची समझी साजिश के तहत उन्हें वर्दी घोटाले में फंसाया था।


गौरतलब है कि गोपालगंज स्थित बीएमपी-16 के जमादार, हवलदार और सिपाहियों के लिये लंबा कोट, उलेन जर्सी, कमीज, जूता, बरसाती कोट, मच्छरदानी, बैग, उलेन मौजा, पैंट, बूट पॉलिश आदि की खरीदारी की गई, जिसमें 37.47 लाख रुपये की हेराफेरी की गई थी। सीबीआइ ने मामले में 1986 में प्राथमिकी दर्ज की थी। लंबी सुनवाई के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सर्वजीत ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। रामचन्द्र खान घटना के वक्त पटना मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।