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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 01 Dec 2024 11:49:36 AM IST
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SITAMARHI: मुख्यमंत्री नितीश कुमार की यात्रा से पहले ही उनकी पार्टी जेडीयू को एक के बाद एक बड़ा झटका लगता जा रहा है। सीतामढ़ी जेडीयू के दिग्गज नेता और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष साज़ी अहमद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर से मुलाक़ात की और उनकी बिहार को बदलने की विचारधारा से प्रभावित होकर जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। साजी अहमद सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के मेहसौल गांव के निवासी हैं।
उधर, तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद उपचुनाव के लिए जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार, डॉ. विनायक गौतम ने प्रखंड रूनीसैदपुर के मोरसंद गांव में कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। इसके बाद, उन्होंने रिगा, सुप्पी, बैरगेनिया और मेजरगंज जैसे अन्य प्रखंडों में जाकर आगामी उपचुनाव के लिए कार्यकर्ताओं का समर्थन मांगा।
डॉ. विनायक गौतम ने दावा किया है कि वह जन सुराज द्वारा भेजा गया एक बड़ा संदेश हैं, जो सदन में जाकर जन सुराज की विचारधारा का छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जेडीयू उम्मीदवार पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग केवल अपने भविष्य को संवारने के लिए चुनाव में उतर रहे हैं। उन्होंने इन्हें एक सूखे घड़े से तुलना की, जो पहले खुद को भरना चाहेंगे। डॉ. गौतम ने कहा कि ये लोग सिर्फ अपने हितों की पैरवी करेंगे और दलाली में लिप्त रहेंगे।
बता दें कि प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने तिरहुत स्नातक के लिए अपनी पार्टी से विनायक गौतम को प्रत्याशी बनाया है. विनायक गौतम वैसे तो पेशे से डॉक्टर हैं लेकिन उनकी मजबूत पारिवारिक राजनीतिक विरासत रही है. विनायक गौतम के पिता रामकुमार सिंह तिरहुत स्नातक क्षेत्र से कई दफे एमएलसी रह चुके हैं. उनके नाना स्व. रघुनाथ पांडेय अपने दौर में मुजफ्फरपुर और आस-पास के जिलों के सबसे कद्दावर राजनेता माने जाते थे. तिरहुत स्नातक क्षेत्र में कमजोर पहचान वाले जेडीयू और आरजेडी के उम्मीदवार के सामने मजबूत पहचान वाले विनायक गौतम ज्यादा दमदार माने जा रहे हैं.
तिरहुत स्नातक क्षेत्र में प्रशांत किशोर के पक्ष में कई तथ्य जुड़ गये हैं. चार जिलों वाले इस क्षेत्र का सबसे बड़ा जिला मुजफ्फरपुर है. जन सुराज के प्रत्याशी मुजफ्फरपुर के निवासी हैं. दूसरी ओर जेडीयू के प्रत्याशी इस क्षेत्र के किसी जिले के निवासी नहीं हैं. तिरहुत क्षेत्र में स्नातकों के सबसे ज्यादा वोट जिस जाति के हैं, प्रशांत किशोर के उम्मीदवार उसी जाति से आते हैं. स्थानीय जानकार मानते हैं कि प्रशांत किशोर कम से कम 40 से 50 हजार वोट अपने साथ लेकर मैदान में उतरे हैं. उसके बाद वे जितना ज्यादा वोट अपने साथ जोड़ सकें, जीत की संभावना उतनी ज्यादा हो जायेगी.
हालांकि इस चुनाव में आरजेडी से गोपी किशन भी मैदान में हैं. वहीं, चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टि रामविलास के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश रोशन भी चुनाव मैदान में हैं, वे पार्टी से इस्तीफा देकर मैदान में उतरे हैं. लेकिन स्नातक क्षेत्र का चुनाव आम चुनाव से अलग होता है. ऐसे चुनाव में प्रत्याशी को हर वोटर तक पहुंचना होता है. तिरहुत स्नातक क्षेत्र में एनडीए और आरजेडी दोनों के प्रत्याशी कहीं न कहीं इसमें कमजोर दिख रहे हैं. खास बात ये भी है कि पार्टी या गठबंधन का संगठन उनके साथ ख़ड़ा नहीं दिख रहा है. लिहाजा उनकी राह और मुश्किल हो गयी है.
