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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 13 Aug 2025 08:59:55 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार अब औद्योगिक विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ चला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 13 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में 30 महत्वपूर्ण एजेंडों को मंजूरी दी गई। जिनमें बेगूसराय, पटना, सीवान, सहरसा और मधेपुरा में नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने का ऐतिहासिक फैसला भी शामिल है। इन पांच जिलों में 2628 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए 814 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह कदम बिहार में निवेश को आकर्षित करने और हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम है।
इन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन का अधिग्रहण आधारभूत संरचना विकास प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा। बेगूसराय के कुसमौत में 991 एकड़ (351.59 करोड़ रुपये), पटना के बख्तियारपुर में 500 एकड़ (219 करोड़ रुपये), सीवान के मैरवा में 167.34 एकड़ (113.92 करोड़ रुपये), सहरसा के वनगांव में 420.62 एकड़ (88.01 करोड़ रुपये) और मधेपुरा के ग्वालपाड़ा में 276.52 एकड़ (41.26 करोड़ रुपये) जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसके अलावा गोपालगंज में मौजूदा औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार और अमृतसर-कोलकाता इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए गया के डोभी में 1300 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को भी मंजूरी दी गई, जिसके लिए 416 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इन औद्योगिक हबों का विकास बिहार की आर्थिक तस्वीर बदलने की पूरी क्षमता रखता है। ये नए औद्योगिक क्षेत्र निवेश को बढ़ावा देंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास को भी गति देंगे। बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 के तहत 1.81 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों ने राज्य को निवेशकों की पहली पसंद बनाया है। बेगूसराय में खिलौना और प्लास्टिक विनिर्माण, सहरसा और मधेपुरा में खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने की योजना है जो स्थानीय संसाधनों और श्रम की उपलब्धता पर आधारित हैं।
इस दौरान कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए हैं। इन फैसलों में जेपी आंदोलन के सेनानियों की पेंशन को दोगुना करना भी शामिल है। अब 1-6 महीने जेल में रहे सेनानियों को 15,000 रुपये और 6 महीने से अधिक जेल में रहे सेनानियों को 30,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। साथ ही निजी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटों पर सरकारी शुल्क लागू करने के फैसले पर भी हाईकोर्ट के आदेश तक रोक लगा दी गई है।