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Bihar Teacher News: बच्चों को पढ़ाना नहीं..सिर्फ हाजिरी लगाना है गुरूजी का मकसद, शिक्षा विभाग के ACS ने सभी DEO को चेताया, सुधार करें वरना कार्रवाई को तैयार रहें

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 10 Dec 2024 01:58:42 PM IST

Bihar Teacher News: बच्चों को पढ़ाना नहीं..सिर्फ हाजिरी लगाना है गुरूजी का मकसद, शिक्षा विभाग के ACS ने सभी DEO को चेताया, सुधार करें वरना कार्रवाई को तैयार रहें

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Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में कुछ शिक्षक सिर्फ हाजिरी बनाने के लिए आते हैं, उन्हें पढ़ाने से कोई वास्ता नहीं. विद्यालयों में छात्रों की फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही है. यह शिक्षा व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त चिट्ठी लिखी है.

शिक्षा विभाग के एसीएस ने खोल दी पोल

बिहार के सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण को लेकर एक बार फिर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है. इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पत्र लिखा है. पत्र में कई बिंदुओं पर चिंता व्यक्त की गई है. अपर मुख्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही है. प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के द्वारा अभी भी फर्जी उपस्थिति लगाई जा रही है .यह दिखाया जा रहा है कि 50 फ़ीसदी से अधिक छात्र उनके विद्यालय में उपस्थित हैं, जबकि वास्तव में देखा जाए तो इससे काफी कम छात्र उपस्थित रहते हैं. कई स्कूलों ने यह भी बताया है कि उनके विद्यालय में अधिक छात्र नामांकित है, जबकि नियमित दिनों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम होती है. इससे स्पष्ट है कि विद्यालय में बच्चे नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं. वे बच्चे निजी विद्यालयों या कोचिंग संस्थानों में पढ़ते हैं, जो अत्यंत खेद का विषय है. 

हाजिरी लगाना ही शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य है

एस. सिद्धार्थ ने आगे कहा है कि शिक्षकों की रुचि भी कक्षा के सुचारू संचालन में नहीं है. उनका मूल उद्देश्य यह नहीं है कि बच्चे पढ़ें, बल्कि उनका उद्देश्य केवल उपस्थिति समय से लग जाए,इसका होता है. अर्थात शिक्षक कक्षा संचालित करने की अपेक्षा उपस्थिति बनाए रखने पर अधिक ध्यान देते हैं. कुछ शिक्षक सुबह 9:00 से 4:00 के बीच अनुपस्थित रहते हैं . यह शिक्षक विद्यालय आते हैं तथा कक्षा लगाने के बाद निजी काम से चले जाते हैं. अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए ही वापस विद्यालय आते हैं. यह शिक्षा व्यवस्था में धोखाधड़ी है. कुछ शिक्षक जो अपने घर के पास पदस्थापित हैं, वे शिक्षण कार्य के लिए काफी कम समय देते हैं. सिर्फ उपस्थिति दर्ज करने के उद्देश्य से ही विद्यालय आते हैं. उन्हें पठन-पाठन से कोई लेना देना नहीं है. 

डीईओ पर भी होगी कार्रवाई

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि ऐसे में जो अधिकारी निरीक्षण करते हैं, और कोई कमी पाते हैं तो इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दें. जिला शिक्षा पदाधिकारी इस पर विभागीय कार्रवाई करें .अगर निरीक्षी पदाधिकारी को चेतावनी देने के बाद भी सुधार नहीं होता है तो माना जाएगा कि इसमें निरीक्षी पदाधिकारी की भी मिलीभगत है. साथ ही सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आगाह किया जाता है कि अगर सुधार नहीं हुआ तो आपको जवाबदेह मानते हुए आपके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी.

विवेकानंद की रिपोर्ट