राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक: पाकिस्तानी महिला से शादी छुपाने पर CRPF जवान बर्खास्त SAHARSA: बाइक की डिक्की से उच्चकों ने उड़ाए 5 लाख रुपये, CCTV में कैद हुई तस्वीर Bihar Education News: शिक्षा विभाग के इस महिला अधिकारी को मिला दंड, इस जुर्म में मिली सजा, जानें... Bihar News: न्यायमित्र के 2,436 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में, जल्द जारी होगी अंतिम मेधा सूची Bihar News: न्यायमित्र के 2,436 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में, जल्द जारी होगी अंतिम मेधा सूची Patna Crime News: पटना का कुख्यात उदय सम्राट रांची से अरेस्ट, जिले के Top10 अपराधियों में है शुमार Patna Crime News: पटना का कुख्यात उदय सम्राट रांची से अरेस्ट, जिले के Top10 अपराधियों में है शुमार Bihar News: सड़क किनारे गड्ढे में पलटा तेज रफ्तार ट्रैक्टर, हादसे में ड्राइवर की मौत; एक घायल CBSE 10th, 12th Result on DigiLocker: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के नतीजे, DigiLocker से ऐसे रिजल्ट करें डाउनलोड CBSE 10th, 12th Result on DigiLocker: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के नतीजे, DigiLocker से ऐसे रिजल्ट करें डाउनलोड
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 10 Dec 2024 01:58:42 PM IST
- फ़ोटो
Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में कुछ शिक्षक सिर्फ हाजिरी बनाने के लिए आते हैं, उन्हें पढ़ाने से कोई वास्ता नहीं. विद्यालयों में छात्रों की फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही है. यह शिक्षा व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त चिट्ठी लिखी है.
शिक्षा विभाग के एसीएस ने खोल दी पोल
बिहार के सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण को लेकर एक बार फिर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है. इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पत्र लिखा है. पत्र में कई बिंदुओं पर चिंता व्यक्त की गई है. अपर मुख्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में फर्जी उपस्थिति दिखाई जा रही है. प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के द्वारा अभी भी फर्जी उपस्थिति लगाई जा रही है .यह दिखाया जा रहा है कि 50 फ़ीसदी से अधिक छात्र उनके विद्यालय में उपस्थित हैं, जबकि वास्तव में देखा जाए तो इससे काफी कम छात्र उपस्थित रहते हैं. कई स्कूलों ने यह भी बताया है कि उनके विद्यालय में अधिक छात्र नामांकित है, जबकि नियमित दिनों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम होती है. इससे स्पष्ट है कि विद्यालय में बच्चे नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं. वे बच्चे निजी विद्यालयों या कोचिंग संस्थानों में पढ़ते हैं, जो अत्यंत खेद का विषय है.
हाजिरी लगाना ही शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य है
एस. सिद्धार्थ ने आगे कहा है कि शिक्षकों की रुचि भी कक्षा के सुचारू संचालन में नहीं है. उनका मूल उद्देश्य यह नहीं है कि बच्चे पढ़ें, बल्कि उनका उद्देश्य केवल उपस्थिति समय से लग जाए,इसका होता है. अर्थात शिक्षक कक्षा संचालित करने की अपेक्षा उपस्थिति बनाए रखने पर अधिक ध्यान देते हैं. कुछ शिक्षक सुबह 9:00 से 4:00 के बीच अनुपस्थित रहते हैं . यह शिक्षक विद्यालय आते हैं तथा कक्षा लगाने के बाद निजी काम से चले जाते हैं. अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए ही वापस विद्यालय आते हैं. यह शिक्षा व्यवस्था में धोखाधड़ी है. कुछ शिक्षक जो अपने घर के पास पदस्थापित हैं, वे शिक्षण कार्य के लिए काफी कम समय देते हैं. सिर्फ उपस्थिति दर्ज करने के उद्देश्य से ही विद्यालय आते हैं. उन्हें पठन-पाठन से कोई लेना देना नहीं है.
डीईओ पर भी होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि ऐसे में जो अधिकारी निरीक्षण करते हैं, और कोई कमी पाते हैं तो इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दें. जिला शिक्षा पदाधिकारी इस पर विभागीय कार्रवाई करें .अगर निरीक्षी पदाधिकारी को चेतावनी देने के बाद भी सुधार नहीं होता है तो माना जाएगा कि इसमें निरीक्षी पदाधिकारी की भी मिलीभगत है. साथ ही सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आगाह किया जाता है कि अगर सुधार नहीं हुआ तो आपको जवाबदेह मानते हुए आपके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी.
विवेकानंद की रिपोर्ट