AIMIM में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल, प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप BIHAR ELECTION 2025: बेतिया में कांग्रेस के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध, टिकट बंटवारे में अनदेखी का आरोप BIHAR ELECTION 2025: बड़हरा से RJD ने रामबाबू सिंह पर जताया भरोसा, सिंबल मिलते ही क्षेत्र में जश्न Patna Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच पटना से JDU नेता अरेस्ट, इस मामले में हुई गिरफ्तारी Patna Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच पटना से JDU नेता अरेस्ट, इस मामले में हुई गिरफ्तारी Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन, बिहार चुनाव में दिखाएंगे ताकत Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन, बिहार चुनाव में दिखाएंगे ताकत Bihar Election 2025: बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, RLJP चीफ पशुपति पारस का बड़ा एलान Bihar Election 2025: बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, RLJP चीफ पशुपति पारस का बड़ा एलान Bihar Assembly Election : ऐसे होगी बुर्के-घूंघट वाली वोटर्स की पहचान, चलेगा टीएन शेषन वाला आदेश
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 04 Aug 2023 08:28:57 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: अब कोई भी प्राइवेट स्कूल बच्चों के अभिभावक को स्कूल या फिर निर्धारित दुकान से यूनिफॉर्म, बुक या स्टेशनरी खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। यदि ऐसा किया तो उनके स्कूल का मान्यता रद्द कर दिया जाएगा। सभी प्राइवेट स्कूलों को सीबीएसई ने फरमान जारी किया है। कहा है कि अब स्कूल ना तो खुद इसे बेच पाएंगे और ना ही दुकान बताएंगे। सीबीएसई ने स्कूलों में खुली दुकानों को भी हटाने का आदेश दिया है। यदि फिर भी कोई स्कूल ऐसा करता है तो इस बात की जानकारी सीबीएई को देंगे। सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि स्कूल किसी भी सूरत में बच्चों या अभिभावकों पर दबाव नहीं डाल सकते हैं। अभिभावक अपनी मर्जी से जहां से किताब और यूनिफार्म लेना चाहे ले सकते हैं। सूचना के अधिकार के तहत सीबीएसई बोर्ड ने अभिभावकों को यह जानकारी दी है। बता दें कि नये सत्र शुरू होते ही ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में दुकान लग जाती है। यही से किताब, यूनिफार्म, कॉपी, डायरी, टाई, बेल्ट, जूता, मोजा, स्टेशनरी सहित कई पाठ्य सामग्रियों को खरीदना अभिभावकों की मजबुरी बन जाती है।
स्कूल में दुकान से ना तो अभिभावकों को किसी तरह की छूट दी जाती है और ना ही यहां के बेची जाने वाली सामग्रियों की क्वालिटी ही अच्छी होती है। अभिभावकों भी मजबुर होते है वे दूसरी जगह से इसे नहीं खरीद सकते। क्योंकि सबकुछ स्कूल से ही खरीदने की बात कही जाती है। अक्सर देखा जाता है कि स्कूल से मिलने वाली किताबों में जहां दाम लिखा रहता है वहां स्कूल वाले ज्यादा मूल्य का स्टीकर लगा देते है। जिसे खरीदना अभिभावकों की मजबुरी रहती है। वे ऊंचे दाम पर इन किताबों को खरीदते हैं।
स्कूल ड्रेस के नाम पर भी ज्यादा पैसा अभिभावकों से वसूला जाता है। इन स्कूलों पर नकेल कसने के लिए सीबीएसई ने कमर कस ली है। अब यदि कोई प्राइवेट स्कूल ऐसा करता है तो उनके स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। अभिभावकों को ऐसे स्कूल की सूचना देने की बात कही गयी है उनसे कहा गया है कि उनका नाम और पता गुप्त रखा जाएगा। बता दें कि सूचना के अधिकार के तहत अभिभावकों ने सीबीएई से इस संबंध में जानकारी मांगी थी और कार्रवाई की मांग की थी।