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1st Bihar Published by: Updated Thu, 27 Jan 2022 12:32:04 PM IST
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PATNA : आरआरबी द्वारा आयोजित एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा के परीक्षाफल में गड़बड़ी से नाराज अभ्यर्थियों का आंदोलन के बाद कोचिंग संचालकों पर दर्ज एफआइआर का कई राजनेता इसका विरोध किया है. जहां राजद नेता ने मांग की है कि पुलिस को शिक्षकों की जगह रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए. साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार रोजगार के विषय में बात करे, वरना हालात और भयानक हो सकते हैं.
बता दें जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि सविधान में हिंसा तोड़फोड़ का आधिकार किसी को नहीं वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे नही तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकते है. RRB NTPC उपद्रव केनाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमें इस अघोषित युवा आन्दोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है.
वहीं इसपर राजद के वरिष्ट नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि पुलिस को रेलवे बहाली बोर्ड पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए. इनके अध्यक्ष सहित तमाम सदस्यों को अभियुक्त बनाया जाना चाहिए. स्वंय रेल मंत्री ने कुबूल किया है कि लड़कों की शिकायत जायज है. साथ ही कहा कि इस मामले में बहाली बोर्ड ने अपराधिक लापरवाही बरती है. इन्हीं की वजह से लड़कों में उत्तेजना फैली. बोर्ड से अनुरोध किया गया था कि गलती को सुधारिए अन्यथा लड़के रेल की पटरियों पर उतर सकते हैं. लेकिन अफसरी अहंकार में बोर्ड वालों ने अपनी गलती नहीं सुधारी.
फलस्वरूप परिणाम सबके सामने है. इसलिए पुलिस द्वारा कोचिंग चलाने वालों पर केस दर्ज करना बिलकुल गलत है. मैं माँग करता हूं कि कोचिंग वालों पर से मुकादम हटाया जाए और बहाली बोर्ड के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों और पदाधिकारियों पर मुकादम दर्ज किया जाए.