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1st Bihar Published by: Updated Mon, 20 Dec 2021 09:10:14 AM IST
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DESK : अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है. इसमें पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव पर सबकी नज़र है. यूपी में बीजेपी की सरकार है तो पंजाब में कांग्रेस की. यूपी में योगी सरकार को टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी है तो कांग्रेस भी रैलियां कर अपना दमखम दिखा रही है. यूपी में विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं शिक्षक भर्ती और परीक्षाओं में हो रही धांधली को लेकर जनता भी सड़क पर उतर गई है और धरने प्रदर्शन और हड़ताल कर रही है.
ऐसे में मौजूदा सरकार के लिए यह सब चुनावों में भारी नुकसान कर सकता है. इधर खबर आ रही है कि योगी सरकार ने यूपी में छह माह के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है. अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश कुमार चतुर्वेदी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के राज्य कार्य-कलापों से संबंधित किसी लोक सेवा, निगमों और स्थानीय प्राधिकरणों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इस आदेश के बाद भी हड़ताल करने वालों के खिलाफ विधिक व्यवस्था के तहत कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें इसी साल मई में यूपी सरकार ने छह महीने के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया था. उस दौरान कोरोना संकट जारी था. सीएम योगी ने कोविड की समस्याओं को देखते हुए एम्सा एक्ट लागू करके हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया था. योगी सरकार के इस फैसले के बाद लोक सेवाएं, प्राधिकरण, निगम समेत सभी सरकार विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों की ओर से समय-समय पर होने वाली हड़ताल पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब कोरोना को लेकर केंद्र की ओर से ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है, न ही प्रदेश में महामारी एक्ट लागू है तो हड़ताल पर प्रतिबंध लगाना राजनीतिक नजरिये से भी देखा जा रहा है.
क्या है एस्मा एक्ट और किन लोगों पर होता है लागू
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनयिम 1966 के तहत यूपी सरकार की ओर से लागू किए गए एस्मा एक्ट को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद लागू किया गया था. एम्सा एक्ट प्रदर्शन और हड़ताल करने वालों के लिए बनाया है. इसके लागू होने के बाद प्रदेश में कहीं भी प्रदर्शन या हड़ताल पूरी तरह बैन कर दिए जाते हैं.
बता दें कि इस एक्ट को पिछले साल यूपी सरकार ने लागू किया था, जिसे नवंबर पिछले साल ही नवंबर में छह महीने के लिए आगे बढ़ाया गया था. एस्मा एक्ट लगने के बाद भी अगर कोई कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करते पाया जाता है तो हड़ताल करने वालों को एक्ट का उल्लंघन के आरोप सरकार की ओर से बिना वारंट के गिरफ्तार करके कानूनी कार्रवाई की जाती है.